"ब्याज समेत लौटाइए 17 लाख दिल्लीवासियों का पैसा..." : दिल्ली LG ने सीएम केजरीवाल को क्यों कहा 'झूठा'

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पानी के बढ़े बिलों को लेकर एलजी और बीजेपी पर आरोप लगाए थे. केजरीवाल ने कहा था, "बीजेपी ने एलजी को बोल दिया है. इसलिए ये योजना लागू नहीं करने दे रहे हैं. लेकिन मैं इसे लागू कराकर रहूंगा."

नई दिल्ली:

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना  (LG VK Saxena) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच घमासान जारी है. सीएम और एलजी अब दिल्ली में पानी के बिलों को लेकर आमने-सामने हैं. एलजी ने केजरीवाल और उनकी AAP सरकार पर पानी के बिल माफी योजना को लेकर भ्रामक कहानी गढ़ने का आरोप लगाया है. एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि पानी, वित्त और शहरी विकास विभाग पूरी तरह से दिल्ली सरकार के नियंत्रण में आता है. एलजी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, "आप फैसला लीजिए, दूसरों पर आरोप मत लगाइए."

राजभवन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 4 पेज का लेटर जारी किया गया है. केजरीवाल को लेकर एलजी ने कहा, "आपके बयान सफेद झूठ है. आपने गाली देकर भाग जाने में महारत हासिल की है और करियर बनाया है. सभी 27 लाख उपभोक्ताओं को फायदा दीजिए, केवल 10 लाख क्यों? 17 लाख ईमानदार उपभोक्ताओं का पैसा ब्याज समेत लौटाइए."

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पानी के बढ़े बिलों को लेकर एलजी और बीजेपी पर आरोप लगाए थे. केजरीवाल ने कहा था, "बीजेपी ने एलजी को बोल दिया है. इसलिए ये योजना लागू नहीं करने दे रहे हैं. लेकिन मैं इसे लागू कराकर रहूंगा." सीएम ने कहा था कि जब घी सीधी उंगली से न निकले, तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है. 

10 लाख से ज्यादा लोगों के आए बढ़े हुए बिल
अरविंद केजरीवाल और पूरी आम आदमी पार्टी दिल्ली में बढ़े हुए पानी के बिलों के मुद्दे पर अभियान चला रहे हैं. आम आदमी पार्टी का कहना है दिल्ली के 10 लाख से ज्यादा लोगों के बढ़े हुए बिल आये. ज्यादातर लोगों के बिल कोरोना के दौरान से गलत आने शुरू हुई, क्योंकि उस समय मीटर रीडिंग नहीं ली जा रही थी. बढ़े हुए बिल आने की वजह से 10 लाख से ज्यादा लोगों ने पानी के बिल जमा करने बंद कर दिए.

वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की फाइल अटकी
इस समस्या के निपटारे के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने एक वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पास की. इस योजना के तहत 90 से 95 फीसदी बिलों का निपटारा हो जाना था. लेकिन केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया कि वित्त सचिव इससे जुड़ी फाइल पर अपने कमेंट नहीं दे रहे. शहरी विकास सचिव का कहना है कि जब तक वित्त सचिव अपने कमेंट नहीं देंगे, तब तक वह इस मामले को कैबिनेट में नहीं लेकर आएंगे. जब तक यह योजना कैबिनेट से पास नहीं होगी, तब तक ये सब अटका रहेगा.

संवैधानिक दफ्तर पर फोड़ रहे अपनी अक्षमता का ठीकरा
एलजी ने अपने लेटर में कहा, "यह पूरी तरह साफ किया जाता है और मैं इसे अपने रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि कथित योजना, जो दिल्ली जल बोर्ड, नगर विकास  विभाग और वित्त विभाग से जुड़ा है; पूरी तरह आपके (केजरीवाल) के नियंत्रण में है. मेरे पास इस योजना का कोई कागज आया ही नहीं. एलजी ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अपनी अक्षमता का ठीकरा संवैधानिक दफ्तर या केंद्र सरकार पर फोड़ रही है.
 

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