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Lalbaugcha Raja Visarjan: अपने लाल बाग के राजा को विदा कर रही मुंबई, देखिए तस्वीरें

मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल लालबागचा राजा लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। लालबाग परेल क्षेत्र स्थित यह पंडाल हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान दुनियाभर से भक्तों को अपनी ओर खींचता है.

Lalbaugcha Raja Visarjan: अपने लाल बाग के राजा को विदा कर रही मुंबई, देखिए तस्वीरें
  • लालबाग के राजा की विसर्जन यात्रा मुंबई में सबसे लंबी और भव्य यात्राओं में से एक मानी जाती है.
  • यह यात्रा रविवार सुबह गिरगांव चौपाटी पहुंचकर पूरे धूमधाम और भक्ति के साथ भगवान गणपति का विसर्जन संपन्न करती है
  • लालबागचा राजा मुंबई का सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है.
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Ganpati Visarjan : मुंबई में लालबाग के राजा की विसर्जन यात्रा जारी है. सुबह हजारों भक्तों के साथ मायानगरी की सड़कों पर विसर्जन की यात्रा शुरू हुई. ढोल-ताशों की गूंज और ‘गणपति बप्पा मोरया' के जयकारों के साथ भगवान को नम आंखों से विदाई दी जा रही है. 24 घंटे से ज्यादा चलने वाली यह विसर्जन यात्रा रविवार सुबह गिरगांव चौपाटी पहुंचेगी.

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मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति, लालबाग के राजा की विसर्जन यात्रा देश की सबसे लंबी और भव्य यात्राओं में से एक होती है. यह यात्रा लगभग 20-25 घंटे तक चलती है और यह रविवार सुबह तक गिरगांव चौपाटी पहुंचेगी. इसके बाद, उनका पूरे धूमधाम और भक्ति के साथ विसर्जन किया जाएगा.

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मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल लालबागचा राजा लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। लालबाग परेल क्षेत्र स्थित यह पंडाल हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान दुनियाभर से भक्तों को अपनी ओर खींचता है.

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यहां श्रद्धालु न सिर्फ दर्शन के लिए, बल्कि मन की मुरादें पूरी करने की आस लेकर दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे दिल से लालबागचा राजा से प्रार्थना करता है, उसकी हर मुराद जरूर पूरी होती है. इसलिए तो इन्हें 'मन्नतों का राजा' भी कहा जाता है.

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मुंबई में, जहां गणेश उत्सव का सबसे बड़ा रूप देखने को मिलता है, गिरगांव चौपाटी और जुहू बीच जैसे स्थानों पर विसर्जन के लिए लाखों की भीड़ उमड़ी. बड़े-बड़े पंडालों के साथ-साथ घरों में स्थापित छोटी प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया गया.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और बीएमसी ने विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों की भी व्यवस्था की. ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे. भक्तों ने डीजे की धुनों पर नाचते हुए और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ बप्पा को विदाई दी.
 

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