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लद्दाख हिंसा में गिरफ्तार सोनम वांगचुक जोधपुर जेल में शिफ्ट, हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में 24 घंटे रहेगी नजर

लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक को शुक्रवार की दोपहर लद्दाख पुलिस ने लेह से गिरफ्तार किया था. उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है.

लद्दाख हिंसा में गिरफ्तार सोनम वांगचुक जोधपुर जेल में शिफ्ट, हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में 24 घंटे रहेगी नजर
  • लद्दाख हिंसा मामले में गिरफ्तार एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है.
  • वांगचुक पर NSA के तहत कार्रवाई की गई है. उन्हें शुक्रवार दोपहर लेह से गिरफ्तार किया गया था.
  • जोधपुर जेल को सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है. पंजाब और कई आतंकवादियों को यहां रखा जा चुका है.
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लद्दाख हिंसा मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें राजस्थान के जोधपुर शिफ्ट कर दिया है. वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है. उन्हें लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर लेह से गिरफ्तार किया था. एतहियातन लेह में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है.

लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक को शुक्रवार देर रात जोधपुर लाया गया, जहां उन्हें कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल में रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, वांगचुक को विशेष निगरानी में लाया गया. जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं. 

24 घंटे सुरक्षा, CCTV से निगरानी

सूत्रों के मुताबिक, जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचने पर सोनम वांगचुक की मेडिकल जांच की गई. उन्हें जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है. यहां उनकी 24 घंटे सुरक्षा की जाएगी. वह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे. इसी जेल में आसाराम बापू कैद हैं, लेकिन वह अलग वार्ड में हैं. 

देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक

जोधपुर की सेंट्रल जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है. इससे पहले, पंजाब और अन्य देशों के आतंकवादियों को यहां रखा जा चुका है. अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक को लाने और जेल में कैद करने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय और सुरक्षा के घेरे में की गई. 

वांगचुक पर युवाओं को उकसाने का आरोप

सोनम वांगचुक पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख में प्रदर्शन कर रहे युवाओं को उकसाने का आरोप लगाया था. लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने सोनम वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. 

लेह हिंसा में 4 की मौत, 70 घायल

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान 24 सितंबर को लेह में भीषण हिंसा हुई थी. हालात बेकाबू होने पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और फायरिंग की. इसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और करीब 70 घायल हो गए. कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए लेह शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा. 

कौन हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और इसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने लगे. उनके अनोखे कारनामों से प्रभावित होकर बॉलीवुड में थ्री ईडियट्स फिल्म भी बनी थी.  

सोनम वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के वरिष्ठ सदस्य हैं. एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन चला रहा है. 
(राजस्थान से अरुण हर्ष के इनपुट के साथ)

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