
नालंदा के दीपनगर थाना क्षेत्र में निजी क्लिनिक की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक शिक्षिका की ऑपरेशन से पहले ही जान चली गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि बेहोशी की ओवरडोज दवा दे दी गई. वहीं जब हालत गंभीर हुई तो शव को दूसरे क्लिनिक में भर्ती करा दिया गया. वहीं दूसरी क्लिनिक में भी घंटो मौत की बात को छिपाई गई. इसके साथ ही दोनों क्लिनिक में इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली गई. वहीं बिल भरवाने के बाद डॉक्टर ने मौत की बात पुष्टि की.
परिजनों ने दो क्लिनिक के चिकित्सकों की लापरवाही से मौत बताते हुए केस का आवेदन थाना में दिया है. पुलिस कार्रवाई के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. मृतका नूरसराय थाना अंतर्गत रतनपुरा गांव निवासी सुनील कुमार की 48 वर्षीया पत्नी मधु वर्मा नोसरा मध्य विद्यालय में शिक्षिका थीं.
बच्चेदानी के ऑपरेशन की बात डॉक्टर ने की थी
मृतक शिक्षिका के भाई चंदू कुमार ने बताया कि दीपनगर थाना अंतर्गत स्थित एक निजी क्लिनिक में मधु को बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिये ले जाया गया था. उनके पेट में काफी दर्द था. वहीं जांच के बाद डॉक्टर ने कहा कि बच्चेदानी का ऑपरेशन कराना होगा. डॉक्टर ने ऑपरेशन के सभी संसाधनों के उपलब्ध रहने की बात कही.

शुक्रवार को बहन को चिकित्सक ऑपरेशन कक्ष में ले गए. एनेस्थेसिया के चिकित्सक नहीं थे. सर्जन खुद बेहोशी की दवा दे रहे थे. उसी दौरान मरीज की मौत हो गई. अंदेशा है कि बेहोशी की ओवरडोज दवा से जान गई.
रकम वसूलने के बाद मौत की पुष्टि कर दी
मौत के बाद चिकित्सक ने परिवार से कहा कि मरीज की हालत सीरियस हो गई है . मृतका का सीरियस बता चिकित्सक रामचंद्रपुर स्थित दूसरे क्लिनिक में भर्ती करा दिया. जहां भी मोटी रकम लेकर चिकित्सक ने इलाज का घंटों नाटक किया. कुछ घंटे के बाद चिकित्सक ने मरीज के मौत की पुष्टि की. परिजनों ने बताया कि एक चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत हुई. जबकि, दूसरे चिकित्सक ने मृतका के इलाज का झांसा देकर रुपया उगाही किया. दोनों चिकित्सकों ने मोटी रकम ली.
दीपनगर थानाध्यक्ष राजमणि ने बताया कि परिजन ने केस का आवेदन दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा. जिसके बाद पुलिस कार्रवाई करेगी.
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