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कितने पढ़े लिखे हैं थ्री इडियट्स वाले Sonam Wangchuk, लद्दाख में किए ये काम

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, जिनकी कहानी बॉलीवुड फिल्म इडियट्स, से जुड़ी है. उन्होंने 1988 में SECMOL की स्थापना कर शिक्षा में सुधार और बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देने की दिशा में क्रांति की.

कितने पढ़े लिखे हैं थ्री इडियट्स वाले Sonam Wangchuk, लद्दाख में किए ये काम
नई दिल्ली:

Sonam Wangchuk Qualification: लद्दाख का नाम सुनते ही दिमाग में बर्फीले पहाड़, ठंडी हवाएं और शांत रेगिस्तान की तस्वीर आती है. इस खूबसूरत इलाके में ऐसे लोग भी हैं, जो शिक्षा, पर्यावरण और समाज सेवा के जरिए बदलाव की मिसाल कायम कर रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) जिनके नाम से हाल ही में पूरा देश जुड़ा. बुधवार को पूर्ण राज्य की मांग को लेकर लेह में भड़की हिंसा की घटना ने सोनम वांगचुक को फिर सुर्खियों में ला दिया. आइए जानते हैं सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk Educcation) कौन हैं, क्यों सुर्खियों में हैं, 'थ्री इडियट्स' फिल्म से उनका क्या कनेक्शन है और लद्दाख के लिए उन्होंने क्या-क्या किया है.

सोनम वांगचुक कौन हैं 

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख में हुआ. उनके पिता का नाम सोनम वांग्याल और मां शेरिंग है. उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और इसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू की.

1988 में उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. यह अभियान लद्दाखी छात्रों के लिए शिक्षा सुधार का प्रतीक बन गया. वांगचुक ने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को चुनौती दी और बच्चों को हाथ से काम करके सीखने का अवसर दिया. उनकी कोशिशें सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं रहीं.

वांगचुक ने जल संरक्षण के लिए आइस स्टूपा, बर्फ से बने कृत्रिम ग्लेशियर और स्थानीय किसानों के लिए खेती के नए तरीके भी विकसित किए. इनके चलते लेह में सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन की सिंचाई संभव हुई और हजारों पेड़ और बगीचे इस रेगिस्तान में लगाए गए.

लद्दाख आंदोलन के केंद्र में क्यों सोनम वांगचुक

वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उनका आंदोलन 10 सितंबर से फिर से जोर पकड़ रहा था. वह खुद को गांधीवादी बताते हैं और अनशन को गांधी का अहिंसक हथियार मानते हैं, लेकिन बुधवार की हिंसा में जब युवा आंदोलनकारियों ने पुलिस और स्थानीय भाजपा कार्यालय पर हमला किया, तो उनकी छवि अचानक बदल गई. वांगचुक ने इस घटना के लिए अपनी जिम्मेदारी कम दिखाई और कहा कि युवा आक्रोशित हो गए थे, क्योंकि उनके साथियों की तबीयत खराब हो रही थी.

सोनम वांगचुक का 'थ्री इडियट्स' से कनेक्शन

सोनम वांगचुक की जिंदगी और काम का असर बॉलीवुड पर भी पड़ा. आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' में फुंसुख वांगड़ू का किरदार उनके जीवन से प्रेरित माना जाता है. वांगचुक कहते हैं कि किरदार सीधे तौर पर उन पर आधारित नहीं था, लेकिन फिल्म में दिखाई गई सादगी और इनोवेशन उनकी असली जिंदगी से मेल खाती है. 2008 में मुंबई में एक अवॉर्ड फंक्शन में आमिर से मिलने के दौरान उनकी जीवन कहानी पर बनी डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई थी.

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