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लद्दाख हिंसा की वजह से विंटर टूरिज्म पर संकट के बादल

राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी और 90 अन्य घायल हो गए थे.

लद्दाख हिंसा की वजह से विंटर टूरिज्म पर संकट के बादल
  • लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत
  • हिंसा के कारण लद्दाख में सर्दियों के पर्यटन को भारी नुकसान होने की आशंका
  • लद्दाख में हिंसा के बाद से स्थानीय टूर ऑपरेटरों की चिंता बढ़ गई है
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लेह:

लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भड़की हिंसा ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है. झड़पों में चार लोगों की मौत के बाद प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा. जहां इस घटना ने आंदोलन को नया मोड़ दे दिया है, वहीं सर्दियों के पर्यटन (विंटर टूरिज्म) पर भी संकट के बादल मंडराते हुुए दिख रहे हैं. दरअसल पर्यटन कारोबारियों को आशंका है कि इस बार पर्यटकों की आमद में भारी कमी देखने को मिल सकती है.

टूरिस्ट बुकिंग पर पड़ रहा असर

एक्सपर्ट बताते हैं कि लद्दाख में इस तरह की हिंसा पहली बार हुई है और तीन दशक तक चले शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान भी पर्यटकों का आना-जाना कभी नहीं रुका था. लेकिन अब हालात बदलते नज़र आ रहे हैं. स्थानीय टूर ऑपरेटरों के अनुसार, चादर ट्रेक जैसी फेमस टूरिस्ट एक्टिविटी के लिए पहले से बुकिंग शुरू हो चुकी थीं, पर हाल की घटनाओं के बाद लगभग 10 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो चुकी है और पूछताछ का सिलसिला तेज़ हो गया है.

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डीएम का आर्डर है एक जगह पर पांच से अधिक आदमी जमा नही हो सकते है. अब तो वहां इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. पिछले तीन दिन से रेस्टोरेंट और दुकानें बंद है. होटल और टूर ऑपरेटर कह रहे हैं ऐसे हालात में कौन आएगा यहां ?  बुकिंग कैंसल हो रहे हैं. हालांकि कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नही है. लेह में वैसे भी शांति प्रिय लोग रहते हैं.  किसी भी तरह विवाद से दूर रहते हैं. 

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लद्दाख हिंसा ने बढ़ा दी केंद्र की चिंता

अब उन्हें एहसास हो रहा है कि 30 साल तक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा पाने के लिए लड़ा गया आंदोलन शायद भटकाव था. निस्संदेह, ताज़ा हिंसा ने न केवल केंद्र सरकार को चिंता में डाल दिया है बल्कि पर्यटन उद्योग को भी गहरी चोट पहुंचाई है. आने वाले दिनों में स्थिति शांत होती है या और बिगड़ती है, यही तय करेगा कि इस बार लद्दाख की सर्दियां पर्यटकों के लिए आकर्षण साबित होंगी या सन्नाटे में डूब जाएंगी.

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