
Full State Status Process in India: पूर्ण राज्य की मांग को लेकर लद्दाख में इस समय बवाल मचा हुआ है. बुधवार को हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन में 4 लोगों की जान चली गई, जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किसी क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे मिलता है. यह केंद्र शासित प्रदेश (UT) से कितना अलग होता है. आइए जानते हैं कि पूर्ण राज्य का मतलब क्या है और इसे बनाने की प्रक्रिया क्या है, इस पर संविधान में क्या नियम है.
लद्दाख में क्या हो रहा है
जम्मू कश्मीर से साल 2019 में अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग शुरू हो गई थी. लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस जैसे संगठन केंद्र सरकार से बातचीत कर इसकी मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर बुधवार को लेह में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए. लद्दाख के लोगों का कहना है कि UT बनने के बाद उनकी राजनीतिक आवाज कमजोर हो गई है.
पूर्ण राज्य क्या होता है
भारत में दो तरह के राज्य होते हैं. पहला केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) और दूसरा पूर्ण राज्य. केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक नियंत्रण सीधे केंद्र सरकार के पास रहता है. यहां की नीतियां केंद्र सरकार तय करती है और जनता की भागीदारी सीमित रहती है. पूर्ण राज्य के पास संविधान के तहत अपनी विधानसभा और मुख्यमंत्री होते हैं. यह अपने नागरिकों के लिए खुद कानून बना सकता है और शासन पूरी तरह स्थानीय सरकार के हाथों में होता है.
पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे मिलता है
संविधान का अनुच्छेद 3 (Article 3) संसद को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी क्षेत्र को पूर्ण राज्य बना सके, लेकिन इसके लिए एक संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाती है. पूर्ण राज्य बनाने की प्रक्रियाओं में शामिल है...
मांग उठना- किसी क्षेत्र के लोग या राजनीतिक दल पूर्ण राज्य की मांग करते हैं.
केंद्र सरकार तक पहुंचना- यह मांग केंद्र तक जाती है और वहां से प्रक्रिया आगे बढ़ती है.
कैबिनेट का मूल्यांकन- केंद्रीय मंत्रिमंडल इस मांग पर विचार करता है और फिर राष्ट्रपति को सिफारिश भेजता है.
राष्ट्रपति की राय- राष्ट्रपति उस राज्य की विधानसभा से राय मांगते हैं.
री-ऑर्गेनाइजेशन बिल- संसद (लोकसभा और राज्यसभा) में यह बिल पेश होता है.
संसद की मंजूरी- दोनों सदनों से पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति को भेजा जाता है.
राष्ट्रपति की मंजूरी- राष्ट्रपति की मुहर के बाद नया राज्य या पूर्ण राज्य का दर्जा लागू हो जाता है.
कानून पास होने के बाद क्या होता है
संसद में पास बिल यह तय करता है कि नया राज्य कब से अस्तित्व में आएगा, उसकी राजधानी कहां होगी, प्रशासनिक ढांचा कैसा होगा, कर्मचारियों और एसेट्स का बंटवारा कैसे होगा. इसके बाद वहां चुनाव कराए जाते हैं और विधानसभा का गठन होता है.
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