सोनम वांगचुक गिरफ्तार.
- लेह-लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है.
- लद्दाख हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई और लगभग 70 लोग घायल हुए थे, साथ ही आगजनी भी हुई.
- केंद्र सरकार ने वांगचुक के NGO का विदेशी फंड से जुड़ा FCRA लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है.
Sonam Wangchuk Arrested: लेह-लद्दाक में बीते दिनों हुए हिंसक प्रदर्शन (Ladakh Violence Case) के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है. इस हिंसा के दो दिन बाद मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी. जबकि करीब 70 लोग घायल हुए थे. बीते दिनों हुई इस हिंसा में आक्रोशित लोगों ने लद्दाख में भारी तोड़-फोड़ और आगजनी की थी. प्रदर्शनकारियों ने BJP दफ्तर को भी फूंक दिया था. उधर, सरकार ने वांगचुक पर NSA लगा दिया है. खबरों के मुताबिक एनएसए लगने के बाद वांगचुक को स्पेशल विमान से दिल्ली लाया जा रहा है.
डीजीपी ने बताया- दोपहर 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया गया
अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने अपराह्न 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया. वांगचुक पर लगाए गये आरोपों के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा का कारण बने उकसावे के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है.
वांगचुक के NGO का विदेशी फंड से जुड़ा लाइसेंस भी रद्द
इस हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को लद्दाख के एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के NGO- स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) को मिलने वाले विदेशी फंड से जुड़ा लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. अब सोमन वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
वांगचुक पर लगा NSA
सोनम वांगचुक पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, वांगचुक पर NSA लगा दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए वांगचुक पर ये सख्ती बरती गई है.
वांगचुक के NGO का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल
सरकार ने शाम को वांगचुक के इस एनजीओ को मिले FCRA रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने का फैसला किया है. वांगचुक पर बार-बार एनजीओ के लिए विदेशी फंड हासिल करने वाले कानून के उल्लंघन का आरोप लगा है. यह कदम लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जे वाली मांग के लिए हुए छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के 24 घंटे के बाद उठाया गया है.

लद्दाख हिंसा पर वांगचुक बोले- मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद
लद्दाख की हिंसा के बीच NDTV से बात करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा है, 'ये समय आरोप-प्रत्यारोप की बजाय बैठकर समस्या का हल ढूंढने का है'. साथ ही उन्होंने साजिश के आरोपों को किया खारिज किया था.
सरकार के आरोपों पर सोनम वांगचुक ने कहा कि, "ये मुझे बचकाना लगा कि यहां लोगों की मौतें हुई हैं. और हम इल्जाम-इल्जाम खेल रहे हैं. यहां हमारे आंसू नहीं सूखे हैं. इतने गम का समय है.ये सिर्फ चतुराई है. बैठकर मसले की जड़ का हल जरूरी है. इन बातों से युवा और गुस्सा होंगे. मुझ पर लगे आरोपों की कोई बुनियाद नहीं है."
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— NDTV India (@ndtvindia) September 25, 2025
लेह-लद्दाख में क्यों भड़की थी हिंसा
उल्लेखनीय हो कि वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उनका आंदोलन 10 सितंबर से फिर से जोर पकड़ रहा था. वांगचुक लंबे समय से अनशन पर थे. बुधवार की यहां हिंसा भड़क गई.
लेह एपेक्स बॉडी के वरिष्ठ सदस्य हैं वांगचुक
वांगचुक ‘लेह एपेक्स बॉडी' (एलएबी) के वरिष्ठ सदस्य हैं. एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से इन मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहा है. हालांकि, मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने हिंसा की निंदा की और हिंसा के बाद, दो हफ्ते से चल रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया था.
जानिए कौन हैं सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख में हुआ. उनके पिता का नाम सोनम वांग्याल और मां शेरिंग है. उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और इसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू की.
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