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This Article is From Aug 20, 2019

Chandrayaan 2: अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग पर कुमार विश्वास ने किया ट्वीट, कहा- विजय का रथ सुपथ पर बढ़ रहा है...

कुमार विश्वास ने इसरो को टैग करते हुए लिखा कि यशस्वी सूर्य अंबर चढ़ रहा है, तुमको सूचित हो. विजय का रथ सुपथ पर बढ़ रहा है, तुमको सूचित हो.

कुमार विश्वास ने चंद्रयान 2 को लेकर किया ट्वीट

नई दिल्ली:

चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2 ) मंगलवार सुबह चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया और इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासलि कर ली है. इसरो की इस उपलब्धि को कवि डॉ. कुमार विश्वास ने देश के लिए ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने इसे लेकर एक एक ट्वीट भी किया. उन्होंने इसरो को टैग करते हुए लिखा कि यशस्वी सूर्य अंबर चढ़ रहा है, तुमको सूचित हो. विजय का रथ सुपथ पर बढ़ रहा है, तुमको सूचित हो. इसरो को मेरा सलाम! ये एक बड़ी उपलब्धि है! जय हिन्द!

गौरतलब है कि चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया. चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था. यदि यह अभियान सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुंचाने वाला चौथा देश बन जाएगा. लगभग 30 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान 2 चांद की कक्षा में स्थापित हुआ है. 

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चंद्रयान 2 को चांद की कक्षा में स्थापित करना इस मिशन के सबसे मुश्किल अभियानों में से एक था, क्योंकि अगर सेटेलाइट चंद्रमा पर उच्च गति वाले वेग से पहुंचता है, तो वह उसे उछाल देगा और ऐसे में वह गहरे अंतरिक्ष में खो जाएगा. लेकिन अगर वह धीमी गति से पहुंचता है तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2को खींच लेगा और वह सतह पर गिर सकता है. वेग बिल्कुल ठीक होना चाहिए और योजना के अनुसार ऑपरेशन के लिए चंद्रमा के बजाय ऊंचाई पर ही गति सटीक होनी चाहिए. यहां तक कि एक छोटी सी गलती भी मिशन को नाकाम कर सकती है. लगभग एक पखवाड़े तक चंद्रमा की कक्षा में घूमने के बाद, चंद्रयान 2 की लैंडिंग 7 सितंबर को निर्धारित है.

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चन्द्रयान 2 (Chandrayaan 2) को चंद्रमा पर स्थापित करने की प्रक्रिया बहुत जटिल है क्योंकि इसमें 39,240 किलोमीटर प्रति घंटे का वेग था. यह गति हवा के माध्यम से ध्वनि की गति से लगभग 30 गुनी थी. इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा, "एक छोटी सी त्रुटि भी चंद्रयान 2 की चंद्रमा के साथ मुलाकात नाकाम कर सकती है."

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यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.

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