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This Article is From Mar 19, 2021

'पूरी तरह से सहमत नहीं, लेकिन...' बीजेपी पर NDTV से बोले केरल के सीएम प्रत्याशी ई श्रीधरन

लव जिहाद पर श्रीधरन ने कहा, "मैं उस विशेष विषय में जाना पसंद नहीं करूंगा, क्योंकि यह एक विवादास्पद विषय है. मैं केवल चीजों को एक सीधे और पारदर्शी तरीके से देखता रहा हूं. सबको अपनी तरफ रखते हुए. आप लोगों के एक वर्ग को नहीं रोक सकते. आप उन्हें मुख्यधारा से अलग नहीं कर सकते. देश को आगे ले जाने के लिए सबको साथ आना होगा."

'पूरी तरह से सहमत नहीं, लेकिन...' बीजेपी पर NDTV से बोले केरल के सीएम प्रत्याशी ई श्रीधरन
NDTV से बात करते हुए ई श्रीधरन
तिरुवनंतपुरम:

पूरे केरल (Kerala) में भले ही बीजेपी के एकमात्र विधायक हों लेकिन अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी समेत देशभर की नजरें 88 वर्षीय मेट्रोमैन ई श्रीधरन पर जा टिकी है, जिन्हें बीजेपी ने मुख्यमंत्री का प्रत्याशी बनाया है. टेक्नोक्रेट श्रीधरन दिल्ली में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने के शिल्पकार और जनक माने जाते हैं. इसके साथ ही हाई प्रोफाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर और मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट के लिए भी मशहूर रहे हैं.

NDTV से बातचीत में श्रीधरन ने कहा कि राज्य में बीजेपी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और दावा किया कि 6 अप्रैल के विधानसभा चुनाव के बाद केरल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार बनाएगी. उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने की प्रेरणा, बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपने विचार और सबरीमाला मंदिर विवाद जैसे अहम पहलुओं पर भी अपनी बात रखी.

NDTV: 88 साल की उम्र में आप कहते हैं कि आपके पास कोई अन्य राजनीतिक विकल्प नहीं थे और आप गंदगी साफ करना चाहते हैं. आपके दिमाग मे क्या है? आपने जो पद और जिस पार्टी को चुना है, क्या यह संभव है?

ई श्रीधरन: हां, 5 साल में यह संभव है. जब मैं कोचीन शिपयार्ड में शामिल हुआ, तो 2 महीने में मैंने कार्य संस्कृति बदल दी थी और लोगों का रवैया भी. दो महीने के समय में ही. यह यहां भी संभव है. क्यों नहीं?

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NDTV: आप क्या देख रहे हैं? अपनी जीत? या सरकार के रूप में बीजेपी की जीत? केरल में बीजेपी के पास अब तक केवल 1 ही विधायक हैं.

ई श्रीधरन: यह सच है. यहीं से कोई भी संगठन शुरू होता है. है ना? आपने त्रिपुरा में देखा है. वहां कोई विधायक नहीं था. उन्होंने सत्ता पर कब्जा कैसे पाया? दिल्ली में, AAP को देखें. उनके पास वहां कोई आधार नहीं था? उन्होंने दूसरे चुनाव में ही सत्ता पर कब्जा कर लिया. यहां भी यह संभव है. बीजेपी के लिए वास्तव में यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि लोग दो मोर्चों से तंग आ चुके हैं. LDF और UDF. मुझे बहुत उम्मीद है कि बीजेपी इस बार सरकार बनाने में सक्षम होगी.

NDTV: अगर आप राष्ट्रीय राजनीति को देखें, तो केरल में भी, बीजेपी 'लव जिहाद' जैसे कई मुद्दों को उठा रही है, उनका दावा है कि केरल में भी बहुत कुछ हो रहा है. क्या आप इस बात से सहमत हैं?

ई श्रीधरन: मैं उस विशेष विषय में जाना पसंद नहीं करूंगा, क्योंकि यह एक विवादास्पद विषय है. मैं केवल चीजों को एक सीधे और पारदर्शी तरीके से देखता रहा हूं. सबको अपनी तरफ रखते हुए. आप लोगों के एक वर्ग को नहीं रोक सकते. आप उन्हें मुख्यधारा से अलग नहीं कर सकते. देश को आगे ले जाने के लिए सबको साथ आना होगा.

NDTV: लेकिन वैचारिक रूप से, क्या आप हर चीज को बीजेपी के साथ आंख से आंख मिलाकर देखते हैं, जिसमें वह भी शामिल है जिसे आप विवादास्पद मुद्दे कहते हैं.

ई श्रीधरन: मैं पूरी तरह से सहमत नहीं हो सकता लेकिन आपको समग्रता में देखना होगा. जब हमारे यहां बीजेपी जैसी पार्टी नहीं होगी, तब यह राज्य हाथ से निकल जाएगा.

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NDTV: आप राष्ट्रीय चेहरा हैं. क्या आप आज भारत को अपने पुराने दिनों की अपेक्षा और अधिक ध्रुवीकृत, सांप्रदायिक रूप से देख रहे हैं?

ई श्रीधरन: हर्गिज नहीं. यह सिद्धांत उन लोगों द्वारा दिया गया है जो मोदी सरकार को पसंद नहीं करते हैं. लेकिन अधिकांश लोगों ने मोदी को स्वीकार कर लिया है. प्रगति देखें. जो लोग उनके विरोध में हैं, वे छोटी-छोटी त्रुटियों का पता लगाते हैं. यह ठीक नहीं है. अगर मोदी पीएम नहीं होते तो J&K इस समय तक हाथ से चला गया होता.

NDTV: तो आप इससे सहमत हैं जो कुछ भी  वहां हुआ है? इंटरनेट कई दिनों के लिए काट दिया गया था. उनके पास संचार का कोई साधन नहीं था.

ई श्रीधरन: यह सिर्फ एक छोटा सा बलिदान है जो देश के लिए करना पड़ता है. एक छोटी सी बात को पहाड़ मत बनाइए. यह अनुचित है. दुर्भाग्य से हमारा मीडिया ऐसा कर रहा है और मीडिया सभी विपरीत पार्टियों द्वारा खरीदा जा रहा है. कृपया मुझसे ऐसे सवाल न करें.

NDTV: कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की अनुमति दी है. इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए, इसका अधिकांश हिस्सा राजनीतिक था. अब बीजेपी और कांग्रेस समेत विपक्ष ने कहा है कि वे मासिक धर्म वाली महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे. लेफ्ट सरकार ने कहा है कि फैसला आने दें, उसके बाद सभी हितधारकों के साथ चर्चा की जाएगी. आप इसे कैसे देखते हैं?

ई श्रीधरन: आपको किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए. चाहे वह कोई भी समुदाय हो. कोर्ट ने फैसला दिया है लेकिन अदालत ने सरकार से यह नहीं कहा है कि वे चुपके से महिलाओं को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ मंदिर ले जाएं. सरकार ने ऐसा क्यों किया?

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