मेट्रोमैन के नाम से मशहूर 90 वर्षीय ई श्रीधरन ने कहा है कि अब उनकी सक्रिय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं बची है. कुछ महीनों पहले ही उन्होंने केरल के विधानसभा चुनाव में पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे. पार्टी राज्य में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी. उन्होंने मीडिया से कहा, "मैं सक्रिय राजनीति में नहीं रहूंगा. वह समय बीत चुका है. मैंने (राजनीति) नहीं छोड़ा है, लेकिन अब मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं 90 साल की उम्र पार कर चुका हूं." उन्होंने कहा कि वह कभी राजनेता नहीं थे और एक नौकरशाह के रूप में राजनीति में आए थे. उन्होंने कहा, "मैं राजनीति से परे भी तीन ट्रस्टों के जरिए लोगों की सेवा कर रहा हूं."
उन्होंने स्वीकार किया कि चुनावी हार के बाद वे "थोड़ा निराश" थे. श्रीधरन ने कहा, "लेकिन अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे कोई निराशा नहीं होती है, क्योंकि एकमात्र विधायक के रूप में मैं कुछ नहीं कर सकता था. राज्य में सत्ता के बिना, एक विधायक कुछ नहीं कर सकता." वह पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव में कांग्रेस के मौजूदा विधायक शफी परम्बिल से हार गए थे.
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ई श्रीधरन को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया था, लेकिन पार्टी विधानसभा चुनावों में एक भी सीट जीतने में विफल रही, जिसके चलते सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल हुई.
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श्रीधरन भाजपा के चुनाव अभियानों के दौरान स्टार उम्मीदवार थे और पार्टी की बड़ी उम्मीद थे, क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह ने अन्य लोगों के साथ तिरुवनंतपुरम में आयोजित एक मेगा रैली में उनका पार्टी में स्वागत किया था.
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