
- कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह के अनुसार अमेरिकी टैरिफ भारत के लिए आर्थिक अवसर बने हैं.
- अमेरिका ने भारत सहित लगभग 70 देशों के सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया है जो व्यापार दबाव का हिस्सा है.
- भारत ने अमेरिकी टैरिफ को अनुचित बताया है और इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखी है
कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा कि अमेरिका ने भारत के सामानों पर जो टैक्स (टैरिफ) लगाए हैं, वह देश के लिए वरदान साबित हुआ है. शाह के मुताबिक, अमेरिका के इन बाहरी दबावों ने भारत सरकार को मजबूर कर दिया है कि वह अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान दे. इसमें रूस से आने वाले तेल पर 25% टैरिफ भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि इन टैरिफ ने एक तत्काल जरूरत पैदा कर दी है. अब सरकार घरेलू नीतियों पर तेजी से काम कर रही है, जिनका मकसद देश के भीतर खपत बढ़ाना, रोजगार पैदा करना और निवेश को बढ़ावा देना है.
अमेरिका ने 7 अगस्त को भारत सहित लगभग 70 देशों के सामानों पर 25% टैरिफ लगा दिया था. इसके बाद, उसने रूस से भारत के कच्चे तेल आयात पर इस टैरिफ को बढ़ाकर 50% करने की योजना की भी घोषणा की. भारत ने इन शुल्कों को "अनुचित" बताया है और वह अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है.
हालांकि, भारत ने अभी तक जवाबी टैक्स नहीं लगाए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा था कि वह बढ़ते अमेरिकी व्यापार दबाव के बीच देश के किसानों, मछुआरों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा करेंगे.
कोटक महिंद्रा एएमसी के प्रमुख का मानना है कि अमेरिका के इन सख्त कदमों ने भारत को अपनी अंदरूनी आर्थिक कमजोरियों को दूर करने और घरेलू विकास को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया है.
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