
महाराष्ट्र की राजनीति में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर गैंगस्टर के भाई को बंदूक का लाइसेंस देने के आरोपों को लेकर भारी बवाल मच गया है. इस पूरे विवाद में महायुति सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब ने आरोप लगाया कि योगेश कदम ने गैंगस्टर नीलेश घायवाल के भाई सचिन घायवाल को हथियार लाइसेंस जारी करते समय पुलिस की प्रतिकूल सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया. परब ने कदम की बर्खास्तगी की मांग की.
इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने योगेश कदम का बचाव करते हुए कहा कि मंत्री ने इस संबंध में केवल सुनवाई की थी. लेकिन लाइसेंस की अनुमति कभी नहीं दी गई थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस कमिश्नर द्वारा तथ्य सामने रखे जाने के कारण अनुमति नहीं मिली. फडणवीस ने कहा कि अगर अनुमति दी गई होती तो आरोप सही होते, लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं.
योगेश कदम का पलटवार
गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विपक्ष पर पलटवार किया. उन्होंने X पर ट्वीट करते हुए इसे अपने खिलाफ एक राजनीतिक साजिश बताया, जो 2019 से ही चल रही है. उन्होंने कहा कि उनके परिवार, यहां तक कि राजनीति में सक्रिय न होने वाली उनकी मां को भी 2024 के चुनावों में राजनीतिक फायदे के लिए घसीटा गया, जो 'घटियापन की पराकाष्ठा' है. अपनी ईमानदारी पर विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा, "सिर्फ छोटे या बड़े तूफान आने से पहाड़ नहीं हिल जाते.
विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है. शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने महायुति सरकार पर हमला करते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, "देवेंद्र फडणवीस गुंडों का गिरोह चला रहे हैं." राउत ने यह भी सवाल उठाया कि क्या घायवाल भाजपा कार्यकर्ता है, और कहा कि पुलिस रिपोर्ट को नजरअंदाज करके लाइसेंस दिया गया था.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सकपाल ने तो योगेश कदम को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की. सकपाल ने आरोप लगाया कि मंत्री अवैध रूप से बंदूक के लाइसेंस दे रहे हैं, और उनका 'आका' देवेंद्र फडणवीस है. उन्होंने इस गठबंधन को 'गैंग का ट्रिपल इंजन सरकार' बताया.
गृह राज्य मंत्री के पिता और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम अपने बेटे के बचाव में उतरे. उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि योगेश कदम ने यह फैसला विधानसभा में एक उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की सलाह पर लिया था, जो मंत्रियों को आदेश भी देते हैं. रामदास कदम ने कहा कि उस व्यक्ति का नाम मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है, और योगेश कदम ने उन्हीं की संतुष्टि के बाद यह फैसला लिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं