कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में ट्रेनी डॉक्टर रेप-हत्या मामले (Doctor Rape-Murder Case) में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी की जमानत रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. साथ ही जमानत रद्द करने की बंगाल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है.
इससे पहले, सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के सायन लाहिड़ी की जमानत के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की.
हिसक आंदोलन को बढ़ावा देने का लगाया था आरोप
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए सायन सायन लाहिड़ी की जमानत रद्द करने की मांग की थी. सायन लाहिड़ी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल बंगाल सरकार की याचिका में कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन की आड़ में लाहिड़ी ने हिंसक आंदोलन को बढ़ावा दिया था.
बंगाल सरकार की याचिका में कहा गया है कि लाहिड़ी और अन्य लोगों के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई और आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है. सुनवाई में बंगाल सरकार ने कहा कि रैली में हिंसा के दौरान 42 पुलिसवाले जख्मी हुए. साथ ही सरकार ने अदालत को बताया कि रैली को परमिशन भी नहीं दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछे ये सवाल
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि सैंकड़ों लोगों में से आपने इस शख्स को कैसे पकड़ा और किसे ज्यादा चोट लगी. इस पर बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि 41 पुलिसकर्मियों को चोट आई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि इस आदमी ने 41 पुलिसवालों को मारा है?
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से सवाल किया कि सैंकड़ों की भीड़ में एक शख्स को कैसे पकड़ा गया?
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