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कोलकाता रेप-हत्‍या मामले में SIT का गठन, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे आरोपों की करेगी जांच

सूत्रों ने बताया, ''घोष के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर का शव मिलने के तुरंत बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज नहीं कराई. इस बारे में कोई शिकायत नहीं की, इसलिए पुलिस को शुरू में 'अप्राकृतिक मौत' का मामला दर्ज करना पड़ा.'' 

कोलकाता रेप-हत्‍या मामले में SIT का गठन, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे आरोपों की करेगी जांच
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI भी पूछताछ कर रही है.
कोलकाता:

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे आरोपी की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है. संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय लेन-देन की जांच की जाएगी. पश्चिम बंगाल सरकार के एक आदेश में कहा गया है कि कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जो एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा. विशेष जांच दल जनवरी 2021 से अब तक की अवधि में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी.

बता दें कि कोलकाता में 9 अगस्त को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. मामला सामने आने के बाद संदीप घोष को  प्रिंसिपल के पद से हटा दिया गया था. 

आरजी कर के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही घोष को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया था. इस पर सीएनएमसीएच के मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया था. 

उच्च न्यायालय ने उठाए थे कई सवाल

इस मामले में कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाल ही में उच्च न्यायालय ने मामले से निपटने में अस्पताल प्राधिकारियों की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था, ''प्रिंसिपल वहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों का संरक्षक है, अगर वह कोई सहानुभूति नहीं दिखाते हैं, तो कौन दिखाएगा? उन्हें घर पर रहना चाहिए, और कहीं काम नहीं करना चाहिए. अगर प्रिंसिपल ने 'नैतिक जिम्मेदारी' का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया है, तो यह काफी गंभीर मामला है कि उन्हें 12 घंटे के भीतर दूसरी नियुक्ति दे दी गई. उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने दें, अन्यथा हम आदेश पारित करेंगे.'' इसके तुरंत बाद, विवादास्पद डॉक्टर ने राज्य स्वास्थ्य विभाग को 15 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन दिया था.

अभी तक इस मामले में संजय रॉय नाम के केवल एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया.

सीबीआई ने की घोष से पूछताछ

सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच अपने हाथ में ले ली. सीबीआई के अधिकारी कई व्यक्तियों और विशेष रूप से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ करके अपराध में अन्य भागीदारों का पता लगाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने उनसे कई सवाल पूछे हैं, जिनमें अस्पताल की सुरक्षा और उनके इस्तीफे से जुड़े सवाल शामिल हैं. उनसे यह भी पूछा गया है कि मौत को आत्महत्या घोषित करने में इतनी जल्दी क्यों थी, अपराध स्थल से छेड़छाड़ क्यों की गई और सेमिनार हॉल के पास के कमरों की अचानक मरम्मत क्यों की गई, जहां डॉक्टर का शव मिला था.

सीबीआई उनके कॉल रिकॉर्ड और चैट की भी जांच कर रही है और उनसे 9 अगस्त की घटना से पहले और बाद में किए गए फोन कॉल का ब्यौरा मांगा है. अधिकारियों ने संकेत दिया कि पूर्व प्रिंसिपल ने अभी तक सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं.

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