एम्स के डॉक्टरों ने उच्चतम न्यायालय के आश्वासन के बाद 11 दिनों से जारी हड़ताल समाप्त की. इसके अलावा आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल वापस ली है. एम्स और आरएमएल अस्पताल के बाद इंदिरा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली है. कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की बलात्कार एवं हत्या के विरोध में 11 दिन से हड़ताल कर रहे एम्स, दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम पर वापस लौटने की घोषणा की है.
#BREAKING: AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट की अपील पर 11 दिन बाद खत्म की हड़ताल#AIIMS । #KolkataDoctorDeath https://t.co/8lsRMN1HVX
— NDTV India (@ndtvindia) August 22, 2024
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने एक बयान जारी कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद यह निर्णय लिया गया है. इसमें कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई को रोकने का आश्वासन मिला है, जिससे उन्हें राहत मिली है. एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय की अपील और निर्देशों को स्वीकार करते हुए हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है."
आरडीए ने कहा, "हमने 11 दिन से जारी हड़ताल वापस लेने का निर्णय भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अपील और निर्देशों के बाद लिया है. हम आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की घटना का संज्ञान लेने और देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित व्यापक मुद्दों को संबोधित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की सराहना करते हैं."
We are resuming duties following the Supreme Court's appeal and assurances and intervention in the RG Kar incident and safety for doctors . We commend the Court's action and call for adherence to its directives. Patient care remains our top priority. @MoHFW_INDIA @aiims_newdelhi pic.twitter.com/lA5YQdKwoP
— RDAAIIMS DELHI (@AIIMSRDA) August 22, 2024
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि वे स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों और सुरक्षा की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और न्याय की खोज में सभी का समर्थन धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी "मरीजों की देखभाल" जारी रखना है और वे इसे जारी रखने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं.
एसोसिएशन ने संकेत दिया कि वे ड्यूटी के समय के बाद प्रतीकात्मक विरोध-प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, और जब तक न्याय नहीं मिल जाता तथा सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं हो जाता.
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