प्रतीकात्मक तस्वीर
भुवनेश्वर:
ओडिशा के बौद्ध जिले में एक व्यक्ति को अपनी साली का शव अंत्येष्टि के लिए साइकिल पर ले जाना पड़ा. ऐसा कहा जा रहा है कि कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, जिसके चलते वह ऐसा करने के लिए मजबूर हो गया. अधिकारियों ने कहा कि यह घटना बुधवार को बौद्ध जिले के कृष्णपाली गांव में हुई, जहां 60 साल के चतुरभुजा बांका को अपनी साली पंचा महाकुड (40) के शव को अपनी साइकिल से बांधकर श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा.
बाप ने बेटी का शव साइकिल से ढोया
उन्होंने कहा कि बांका की पत्नी और साली को डायरिया होने पर बौद्ध के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा कि बुधवार को साली की मौत होने पर उसका शव राज्य सरकार की एक योजना के तहत एंबुलेंस में गांव लाया गया. आरेाप है कि महिला के शव को अंत्येष्टि की खातिर ले जाने के लिए कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया क्योंकि दूसरी जाति की एक महिला से दूसरी बार शादी करने पर वह समाज द्वारा अघोषित बहिष्कार का सामना कर रहा था. हालांकि, अधिकारियों ने इन आरोपों से इंकार किया है.
गौरतलब है कि इस तरह की शर्मसार करने वाली घटना पहली दफा देखने को नहीं मिली है. इससे पहले भी लाचारी और मजबूरी में शवों को साइकिल और मोटरसाइकिल पर ढोने का मामला सामने आ चुका है. कभी अस्पताल की लापरवाही तो कभी प्रशासन की लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं आती हैं. मगर इस बार समाज की असंवेदनशीलता की तस्वीर सामने आई है.
VIDEO: इटावा में 15 साल के बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुआ पिता
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बाप ने बेटी का शव साइकिल से ढोया
उन्होंने कहा कि बांका की पत्नी और साली को डायरिया होने पर बौद्ध के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा कि बुधवार को साली की मौत होने पर उसका शव राज्य सरकार की एक योजना के तहत एंबुलेंस में गांव लाया गया. आरेाप है कि महिला के शव को अंत्येष्टि की खातिर ले जाने के लिए कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया क्योंकि दूसरी जाति की एक महिला से दूसरी बार शादी करने पर वह समाज द्वारा अघोषित बहिष्कार का सामना कर रहा था. हालांकि, अधिकारियों ने इन आरोपों से इंकार किया है.
गौरतलब है कि इस तरह की शर्मसार करने वाली घटना पहली दफा देखने को नहीं मिली है. इससे पहले भी लाचारी और मजबूरी में शवों को साइकिल और मोटरसाइकिल पर ढोने का मामला सामने आ चुका है. कभी अस्पताल की लापरवाही तो कभी प्रशासन की लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं आती हैं. मगर इस बार समाज की असंवेदनशीलता की तस्वीर सामने आई है.
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