अमेरिका (United States of America) यूं तो पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले और फिर पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर एयर स्ट्राइक के मसले पर भले ही भारत (India) के साथ खड़ा नजर आया, मगर अब उसने आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका देने की तैयारी की है. इसके संकेत खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दिए हैं. उन्होंने व्यापार में भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) से बाहर करने से जुड़ा बयान देकर वैश्विक आर्थिक गलियारे में नई हलचल पैदा कर दी है. ट्रंप ने इस बाबत अमेरिका की संसद यानी 'कांग्रेस' को बी बकायदा पत्र लिखकर सूचित कर दिया है.अगर ऐसा सचमुच में हुआ तो फिर अमेरिकी बाजार में 5.6 बिलियन डॉलर मूल्य के भारतीय उत्पादों के लिए ड्यूटी फ्री यानी शुल्क-मुक्त एंट्री का दरवाजा बंद हो जाएगा. यह एक बड़ा आर्थिक झटका होगा. ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह भारत के लिए शुल्क मुक्त ट्रीटमेंट को खत्म करने का इरादा रखते हैं. बताया जा रहा है कि जीएसपी के तहत अगर भागीदारी समाप्त होती है तो 2017 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से यह भारत के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई होगी.
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दरअसल, अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने की कसम खाने वाले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का मानना है कि भारत व्यापार के मामले में अमेरिका को अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहा. वजह कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत मोटा टैक्स वसूल रहा है. ट्रंप कई बार और कई मंच से यह बात कह चुके हैं. उनका मानना है कि भारत ऐसा देश है, जो अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ थोपता है. इसके जवाब में उन्होंने भी भारत के उत्पादों के अमेरिकी बाजार में ड्यूटी फ्री प्रवेश रोकने की सोची है. ट्रंप ने कहा," मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका से गहन जुड़ाव के बाद भी भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह भारत के बाजार में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा.
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अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि जीएसपी (GSP) से भारत को बाहर करने का निर्णय राष्ट्रपति की घोषणा के जरिए ही अधिनियमित किया जा सकता है. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अनुसार, 2017 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार घाटा 27.3 बिलियन डॉलर था.बता दें कि अमेरिका के जीएसपी प्रोग्राम के तहत लाभ कमाने वाले दुनिया के बड़े देशों में भारत शुमार है. जीएसपी की भागीदारी अगर समाप्त होती है तो 2017 में पद संभालने वाले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की यह सबसे बड़ी दंडात्मक कार्रवाई होगी. (इनपुट-Agence France Presse)
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