बेंगलुरू:
कर्नाटक के रामनगर जिले में गुर्दा प्रत्यारोपण के गोरखधंधे में कथित रूप से शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी शनिवार को दी।
रामनगर के पुलिस अधीक्षक अनुपम अग्रवाल ने बताया, "गोरखधंधे में संलिप्त एक बड़े गिरोह का पता चला। हमने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा अवैध मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हम इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल से कराने का प्रयास कर रहे हैं।"
हमने विश्वस्त सूचना और निजी अस्पतालों से बरामद दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की। जांच दल ने पहले रामनगर में दो आरोपियों- महादेवा और गोपाल को कथित रूप से किडनी रैकेट में संलिप्त गिरोह का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया, उसके बाद निकटवर्ती मंड्या जिले में छापेमारी की।
अग्रवाल ने कहा, "यह गिरोह गरीब परिवार के लोगों को अच्छा-खासा पैसे दिलाने का प्रलोभन देकर गुर्दा दान करने के लिए एक चिह्न्ति अस्पताल या नर्सिग होम में ले जाते थे। पकड़े गए दो आरोपियों से पूछताछ के दौरान सुराग मिलने पर हम और पांच लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गए।" उन्होंने बताया कि अन्य पांच आरोपी हैं- सीडी श्रीकांत, राजन्ना, मंजुनाथ (बेंगलुरू के राजस्व निरीक्षक) और अनंत (एजेंट)।
सभी आरोपियों को शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अग्रवाल ने बताया कि गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी गुर्दा प्राप्त करने वालों से पांच से 10 लाख रुपये वसूलते थे और भोले-भाले दाताओं को केवल 10 से 20 फीसदी रकम देकर बाकी पैसे आपस में बांट लेते थे।
रामनगर के पुलिस अधीक्षक अनुपम अग्रवाल ने बताया, "गोरखधंधे में संलिप्त एक बड़े गिरोह का पता चला। हमने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा अवैध मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हम इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल से कराने का प्रयास कर रहे हैं।"
हमने विश्वस्त सूचना और निजी अस्पतालों से बरामद दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की। जांच दल ने पहले रामनगर में दो आरोपियों- महादेवा और गोपाल को कथित रूप से किडनी रैकेट में संलिप्त गिरोह का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया, उसके बाद निकटवर्ती मंड्या जिले में छापेमारी की।
अग्रवाल ने कहा, "यह गिरोह गरीब परिवार के लोगों को अच्छा-खासा पैसे दिलाने का प्रलोभन देकर गुर्दा दान करने के लिए एक चिह्न्ति अस्पताल या नर्सिग होम में ले जाते थे। पकड़े गए दो आरोपियों से पूछताछ के दौरान सुराग मिलने पर हम और पांच लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गए।" उन्होंने बताया कि अन्य पांच आरोपी हैं- सीडी श्रीकांत, राजन्ना, मंजुनाथ (बेंगलुरू के राजस्व निरीक्षक) और अनंत (एजेंट)।
सभी आरोपियों को शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अग्रवाल ने बताया कि गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी गुर्दा प्राप्त करने वालों से पांच से 10 लाख रुपये वसूलते थे और भोले-भाले दाताओं को केवल 10 से 20 फीसदी रकम देकर बाकी पैसे आपस में बांट लेते थे।
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