केरल में वित्तीय संकट के बोझ तले दबे, 50 वर्षीय मोहम्मद बावा की किस्मत एक पहल में बदल गई और वो एक करोड़ के मालिक बन गए. उत्तरी केरल जिले के मंजेश्वर के मूल निवासी मोहम्मद बावा के ऊपर काफी सारा कर्ज था. उन्होंने रिश्तेदारों से लगभग 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था और बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत थी. वहीं अपने नवनिर्मित घर के लिए टोकन अग्रिम स्वीकार करने से ठीक दो घंटे पहले, उनकी लॉटरी लग गई.
बावा ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने लॉटरी जीती. इसलिए, इस घर को बेचने की कोई जरूरत नहीं है. जब हमें पुरस्कार मिलेगा, तो हमारे सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा." दरअसल उन्होंने अपनी दो बेटियों की शादी के लिए और अचल संपत्ति के कारोबार में हुए नुकसान को समायोजित करने के लिए बड़ी रकम उधार ली थी.
उन्होंने कहा कि व्यवसाय में हुए नुकसान के कारण वह काफी पेशान थे. लेकिन सर्वशक्तिमान ने आखिरकार मुझे एक रास्ता दिखाया. कर्ज से निकलने के लिए रविवार दोपहर एक विक्रेता से केरल सरकार के फिफ्टी-फिफ्टी लॉटरी टिकट खरीदी थी. रविवार को दोपहर 3.30 बजे तक लॉटरी का परिणाम घोषित किया गया था. सौभाग्य से, मुझे पुरस्कार मिला.
वहीं इनाम जीतने से पहले खरीदारों ने हमें सूचित किया था कि वे शाम 5.30 बजे तक मेरे घर के लिए टोकन अग्रिम देने आएंगे." लेकिन जब वे आए, तो यह घर लोगों से भरा हुआ था जिन्हें जैकपॉट के बारे में पता चला था. खरीदारों ने कहा कि वे भी जीत से बहुत खुश थे. बावा के अनुसार वह लॉटरी टिकटों के नियमित खरीदार नहीं थे.
उन्होंने कहा कि मैं उस लॉटरी एजेंट को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, इसलिए जब वह मेरे घर से गुजरता था, तो वह मुझे कुछ टिकट देता था. यह विशेष टिकट मैंने बहुत तनाव में खरीदा था क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है." उन्होंने कहा कि कर्ज चुकाने के बाद वह बाकी की रकम गरीबों और जरूरतमंदों के लिए खर्च करना चाहेंगे. वहीं कर कटौती के बाद बावा को लगभग 63 लाख रुपये मिलेंगे.
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