माकपा के नेता पिनारई विजयन (फाइल फोटो)
त्रिशूर:
केरल के राजनैतिक हलकों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता पिनारई विजयन को उनके रूखे स्वभाव की वजह से कभी-कभी 'लौह पुरुष' भी कहा जाता है। लेकिन, आज उन्हीं विजयन के चेहरे पर खुशमिजाज मुस्कराहट विराजमान रहती है। केरल में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के दौरान वह इस मुस्कराहट को अपने साथ लिए रहते हैं।
विजयन (72) की भावभंगिमा में गुणात्मक बदलाव देखा जा रहा है लेकिन, राज्य की यात्रा पर निकले खुद विजयन का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। उनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। माकपा नेता ने कहा, ‘इस बात को समझने की जरूरत है कि अब मैं पार्टी सचिव नहीं हूं। इसलिए, अब मुझ पर लगातार हमले नहीं होते।’
विजयन 1985 से 2015 तक माकपा की केरल राज्य समिति के सचिव रह चुके हैं। पार्टी के इतिहास में कोई भी इतने अर्से तक इस पद पर नहीं रहा है। व्यवहार में बदलाव के बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने पलटकर सवाल किया, ‘क्या ये महज लोगों की सोच और धारणा नहीं है?’
इस वक्त विजयन विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने और लोगों से मिलने के लिए 'नवा केरल मार्च' निकाल रहे हैं। वह जहां भी जा रहे हैं, बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए आ रहे हैं।
विजयन ने कहा कि उनकी यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा चुनाव में भाजपा खाता नहीं खोल सकेगी। हाल में हिंदू एझवा समुदाय नेता वेलापल्ली नटेसन और भाजपा-आरएसएस गठजोड़ को इसके समर्थकों ने नकार दिया है। विजयन ने कहा, ‘विधानसभा में भाजपा किसी भी हालत में खाता नहीं खोल सकेगी। अगर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा ने कोई गुप्त समझौता किया तो इसका भी नतीजा अतीत जैसा ही होगा। ऐसी हालत में धर्मनिरपेक्ष लोग हमारी तरफ मुड़ जाएंगे।’
राज्य में माकपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाकर चुनाव नहीं लड़ती। यह पूछने पर कि क्या मुख्यमंत्री पद के लिए उनके और 92 वर्षीय वी.एस. अच्युतानंदन के बीच मुकाबला है, विजयन ने कहा कि केरल माकपा में ऐसा कोई मुकबाला कभी नहीं रहा।
विजयन (72) की भावभंगिमा में गुणात्मक बदलाव देखा जा रहा है लेकिन, राज्य की यात्रा पर निकले खुद विजयन का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। उनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। माकपा नेता ने कहा, ‘इस बात को समझने की जरूरत है कि अब मैं पार्टी सचिव नहीं हूं। इसलिए, अब मुझ पर लगातार हमले नहीं होते।’
विजयन 1985 से 2015 तक माकपा की केरल राज्य समिति के सचिव रह चुके हैं। पार्टी के इतिहास में कोई भी इतने अर्से तक इस पद पर नहीं रहा है। व्यवहार में बदलाव के बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने पलटकर सवाल किया, ‘क्या ये महज लोगों की सोच और धारणा नहीं है?’
इस वक्त विजयन विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने और लोगों से मिलने के लिए 'नवा केरल मार्च' निकाल रहे हैं। वह जहां भी जा रहे हैं, बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए आ रहे हैं।
विजयन ने कहा कि उनकी यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा चुनाव में भाजपा खाता नहीं खोल सकेगी। हाल में हिंदू एझवा समुदाय नेता वेलापल्ली नटेसन और भाजपा-आरएसएस गठजोड़ को इसके समर्थकों ने नकार दिया है। विजयन ने कहा, ‘विधानसभा में भाजपा किसी भी हालत में खाता नहीं खोल सकेगी। अगर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा ने कोई गुप्त समझौता किया तो इसका भी नतीजा अतीत जैसा ही होगा। ऐसी हालत में धर्मनिरपेक्ष लोग हमारी तरफ मुड़ जाएंगे।’
राज्य में माकपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाकर चुनाव नहीं लड़ती। यह पूछने पर कि क्या मुख्यमंत्री पद के लिए उनके और 92 वर्षीय वी.एस. अच्युतानंदन के बीच मुकाबला है, विजयन ने कहा कि केरल माकपा में ऐसा कोई मुकबाला कभी नहीं रहा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं