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This Article is From Aug 24, 2022

जांच एंजेसियों की निष्पक्षता पर उठ रहे हैं सवाल : आरजेडी नेताओं के यहां CBI रेड पर JDU नेता

जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जहां जहां सत्ता परिवर्तन होता है बीजेपी की मित्र पार्टियां अलग होती हैं वहां इस तरह के प्रयोग किए जाते हैं. ऐसा प्रयोग पहले महाराष्ट्र में भी हो चुका है.

जांच एंजेसियों की निष्पक्षता पर उठ रहे हैं सवाल : आरजेडी नेताओं के यहां CBI रेड पर JDU नेता
आरजेडी के नेताओं के यहां सीबीआई की छापेमारी पर जेडीयू नेता ने दिया ये बयान

बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी से जुड़े नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी हो रही है. इसे लेकर जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जहां जहां सत्ता परिवर्तन होता है बीजेपी की मित्र पार्टियां अलग होती हैं वहां इस तरह के प्रयोग किए जाते हैं. ऐसा प्रयोग पहले महाराष्ट्र में भी हो चुका है. कई नेताओं का कहना था कि अब बिहार में छापेमारी शुरू होगी. जो हमारा अनुमान था वो सही साबित हुआ, लेकिन एक चीज जरूर कहना चाहता हूं कि हम इन जांच एजेंसियों का सम्मान करते हैं. ये एजेंसियां निष्पक्ष जांच के लिए बनी हैं.  अगर इनके इरादों का विस्फोट पहले ही हो जाता है, या इनकी टाइमिंग का पता पहले ही चल जाता है तो निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े होते हैं. 

जब महाराष्ट्र में स्पीकर पर प्रस्ताव होना था तो वहां पर तो स्पीकर को बीजेपी इस्तीफा देने के लिए कह रही थी, लेकिन आज हम बहुमत की विधानसभा में हैं और वहां चुनाव की आवश्यकता भी नहीं है और वहां पर स्पीकर की स्पीच की बात कर रहे थे. बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है. उसके द्वारा ही इस तरह की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को छिन्न-भिन्न किया जाएगा तो लोकतंत्र कमजोर पड़ेगा इसलिए बीजेपी को उदाहरण पेश करना चाहिए. जो स्थापित परंपराएं हैं उसे स्वीकार करें.

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जांच एजेंसी के बारे में जरूर करना चाहता हूं आपके इरादे पहले से ही एक्सपोज हो जाते हैं. अगर छापे जिनके यहां डालने हों उनको पहले ही पहले ही पता लग जाता है तो आप की जांच की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठेंगे. यह भी एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जो नहीं होना चाहिए हमारे संविधान के निर्माताओं ने और जो पहले के प्रधानमंत्री थे और जो मुख्यमंत्री थे उनके कार्यकाल में इस तरह की कार्यवाही पर रोक रहती थी, यह आम चलन में नहीं थी.

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