दिन भर मजदूरी करने वाला कश्मीर का एक 19 साल का युवक डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए रात भर पढ़ाई करता रहा. उसे उसकी कोशिशें सफल होने की खबर मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का रिजल्ट आने पर मिली. उसने 601 के स्कोर के साथ इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली.
पुलवामा के निवासी युवक उमर अहमद गनई को अपना जीवन बदल जाने की यह खबर जब मिली तब वह पड़ोस के गांव में पेंटिंग का काम कर रहा था. अब बड़ी संख्या में लोग उसके पुलवामा में स्थित घर पर आ रहे हैं, उसे मालाएं पहना रहे हैं. उसके रिश्तेदार मिठाइयां बांट रहे हैं.
उमर ने कहा कि वह मजदूरी करके एक दिन में 600 रुपये कमा रहा था और पिछले दो सालों से रात में पढ़ाई कर रहा था. उसने कहा कि, "वह बहुत कठिन समय था. मैं दिन में मजदूरी करता था और शाम को पढ़ाई करता था. आज मेरी मेहनत रंग लाई है." उसने कहा, "सभी को मेरा संदेश है कि कड़ी मेहनत करें, वह कभी बेकार नहीं जाएगी."
पड़ोसी कुलगाम जिले में इमाम सैयद सईद के परिवार में जश्न मनाया जा रहा है. उनकी जुड़वां बेटियों सैयद तबिया और सैयद बिस्मा ने NEET में 625 और 570 नंबर हासिल किए हैं.
सैयद तबिया ने कहा, "जब मैंने देखा कि मैंने बहुत अच्छा स्कोर किया है तो मुझे बहुत खुशी हुई. मुझे और भी खुशी हुई जब मुझे पता चला कि मेरी बहन भी सफल हो गई है."
सैयद बिस्मा ने कहा कि उसे अपने अंकों को देखते हुए भरोसा है कि दोनों बहनों को अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल जाएगा. उन्होंने कहा, "नतीजों से पहले मैं बहुत घबराई हुई थी. लेकिन हम दोनों ने क्वालीफाई कर लिया. यहां तक कि हमारे माता-पिता भी बहुत खुश हैं."
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