जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है. इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर सवाल उठाए हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार फारूक अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाकर आतंकवादियों को जगह देना चाहती है, ताकि वह पूरे देश में ध्रुवीकरण के लिए 'कश्मीर का इस्तेमाल कर सके.' राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'यह स्पष्ट है कि सरकार फारूक अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाना चाहती है ताकि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक शून्य पैदा हो जो आतंकवादियों द्वारा भर दिया जाए. इसके बाद शेष भारत में ध्रुवीकरण करने के लिए कश्मीर का स्थायी रूप से उपयोग राजनीतिक औजार के तौर पर किया जा सके.
It's obvious that the Government is trying to remove nationalist ???????? leaders like Farooq Abdullah Ji to create a political vacuum in Jammu & Kashmir that will be filled by terrorists.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 17, 2019
Kashmir can then permanently be used as a political instrument to polarise the rest of India.
इसके बाद राहुल ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए जगह नहीं पैदा करनी चाहिए और सभी राष्ट्रवादी नेताओं को रिहा करना चाहिए.'
The Government should stop creating space for terrorists in Jammu & Kashmir and release all nationalist leaders ASAP.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 17, 2019
PSA के तहत फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर ओवैसी ने उठाए सवाल- कहा- '80 साल का शख्स किसी के लिए...'
इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा था कि संसद में आर्टिकल 370 बिल लाने से पहले फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बैठकर मुलाकात की. इसे सारी दुनिया ने देखा. अब उन्हें PSA (Public Safety Act) के तहत हिरासत में कैसे रखा जा सकता है? वह देश के लिए खतरा कैसे हो सकते हैं. जब प्रधानमंत्री को किसी से खतरा होगा तो वह क्यों मिले उनसे.
Public Safety Act: अपने पिता के ही बनाए कानून में 'फंसे' पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, जानें पूरा मामला
वहीं, इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संसद में चीख-चीखकर बताया कि न उनको डिटेन किया गया है और न ही हिरासत में रखा गया है. उन्होंने कहा कि मशरत आलम एक अलगाववादी है, वहीं, फारूक अब्दुल्ला पूर्व मुख्यमंत्री हैं. तो आपने दोनों को मिला दिया. दोनों को PSA के तहत नजरबंद किया गया है. आपको 80 साल के शख्स से डर हो रहा है? इसका मतलब यह है कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है.
क्या है Public Safety Act (PSA)?
पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम. सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (What is Public Safety Act) बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है. यह कानून 1970 के दशक में यह कानून जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया गया था, क्योंकि उस समय ऐसे अपराध में शामिल लोग मामूली हिरासत के बाद आसानी से छूट जाते थे. पूर्व मुख्यमंत्री और फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने लकड़ी तस्करों के खिलाफ इस अधिनियम को एक निवारक के रूप में लाए थे, जिसके तहत बिना किसी मुकदमे के दो साल तक जेल की सजा देने का प्रावधान किया गया था.
VIDEO: पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला को PSA के तहत हिरासत में लिया गया
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