जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछले पांच दिनों में आतंकियों के हाथों सात घटनाएं हुई हैं. सात में छह घटनाएं (Seven Killed in Kashmir) श्रीनगर शहर में अंजाम दी गई हैं. आम नागरिकों की हत्याओं से कश्मीर घाटी में दहशत का माहौल है. गुरुवार को आतंकियों ने शिक्षकों की स्कूल में घुसकर हत्या कर दी. उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या की. एक सिख संगठन ने इस घटना के बाद सिख समुदाय से काम पर ना जाने की अपील की है. उनका कहना है कि जब तक सुरक्षा सुनिश्चित न हो तब तक काम पर ना जाएं. बता दें कि गुरुवार सुबह क़रीब ग्यारह बजे सभी शिक्षक एक साथ चाय पी ही रहे थे कि तभी तीन आतंकवादी इस गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल में घुस गए. उन्होंने प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की पहचान कर उन्हें अलग किया और काफी करीब से उन्हें गोली मार दी. दोनों ने मौके पर दम तोड़ दिया. दहशत के मारे बाकी शिक्षक कुछ कर भी नहीं पाए. इससे पहले कि पुलिस और सुरक्षा बल वहां पहुंच पाते आतंकी वारदात को अंजाम दे फरार हो गए. एक के बाद एक आतंकवादियों की ऐसी वारदात से कश्मीर घाटी दहशत में है. बीते पांच-छह दिनों में सात आम नागरिक इन आतंकी हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें से छह को तो अकेले श्रीनगर शहर में मार दिया गया. गुरुवार की हत्याओं के तुरंत बाद सिख समुदाय से जुड़े संगठनों ने सभी सिख सरकारी कर्मचारियों से कहा कि वो तब तक काम पर न जाएं जब तक सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर देती.
मेरे पिता योद्धा थे, आंसू नहीं बहाऊंगी : कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए केमिस्ट की बेटी
उधर, एनडीटीवी से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इन हत्याओं के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक नई शाखा (The Resistance Front) का हाथ बताया. उन्होंने कहा कि जल्द ही हमलावरों का पता लगा लिया जाएगा.
जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इससे पहले मंगलवार को भी कश्मीर घाटी में एक ही घंटे के अंदर ऐसी तीन वारदात हुई थीं. पहली वारदात में एक कश्मीरी पंडित एमएल बिंदरू की आतंकवादियों ने उनकी दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी. बिंदरू दवा की दुकान चलाते थे और उन गिनेचुने कश्मीरी पंडितों में से थे, जो नब्बे के दशक में आतंकवाद के चरम दौर में भी घाटी छोड़कर नहीं गए. श्रीनगर के इकबाल पार्क में बिंदरू मेडिकेट फार्मेसी के मालिक 70 वर्षीय माखन लाल बिंदरू को उनकी शॉप के अंदर बेहद पास से शाम 7 बजे के आसपास गोली मार दी गई थी. उनकी बेटी डॉ समृद्धि बिंदरू ने NDTV से बातचीत में कहा था कि मैं इस तरह के काम करने वालों को कहना चाहती हूं कि वे अपनी ऊर्जा पॉजिटिव कार्यों में लगाएं. मेरे पिता नहीं रहे. मैं तब भी अपने चेहरे पर स्माइल के साथ खड़ी हूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि वो एक योद्धा थे, विजेता थे और एक योद्धा की तरह की शान से वह गए. अगर मैं आंसू बहाती हूं तो ये उन बंदूकधारियों के लिए ट्रिब्यूट जैसा होगा. मैं उनका हौंसला नहीं बढ़ाऊंगी. मेरे पिता सच्चे योद्धा थे और मैं उन्हें सलाम करती हूं.
उधर, जम्मू में दीपक चंद के परिवार का बुरा हाल है. दीपक पिछले तीन साल से श्रीनगर इस सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे थे.जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों ने इन हत्याओं की एक सुर में निंदा की है और सरकार से तुरंत क़ानून व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है. उधर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के दो शिक्षकों की हत्या की निंदा करते हैं. दोषियों को करारा जवाब दिया जाएगा. आतंकी केंद्रशासित प्रदेश की शांति भंग करने की कोशिश में सफल नहीं होंगे.
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