मेरे पिता योद्धा थे, आंसू नहीं बहाऊंगी : कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए केमिस्ट की बेटी

डॉ समृद्धि बिंदरू का कहना है कि उनके पिता योद्धा थे. इस तरह के कामों को अंजाम देने वालों से उन्होंने अपील भी कि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाएं.

जम्मू- कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवादियों ने एक एक प्रमुख व्यवसायी और श्रीनगर के इकबाल पार्क में बिंदरू मेडिकेट फार्मेसी के मालिक 70 वर्षीय माखन लाल बिंदरू को उनकी फार्मेसी के अंदर बेहद पास से शाम 7 बजे के आसपास गोली मार दी गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे लेकिन हमलावर पहले ही भाग चुके थे. मंगलवार की शाम केमिस्ट माखन लाल बिंदरू ((Makhan Lal Bindroo)) को बंदूकधारियों ने गोली मारी, आज उनकी बेटी डॉ समृद्धि बिंदरू ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि मैं इस तरह के कृत्यों को अंजाम देने वालों को कहना चाहती हूं कि वे अपनी एनर्जी पॉजिटिव कार्यों में लगाएं. मेरे पिता नहीं रहे. मैं तब भी अपने चेहरे पर स्माइल के साथ खड़ी हूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि वो एक योद्धा थे, विजेता थे और एक योद्धा की तरह की शान से वह गए. अगर मैं आंसू बहाती हूं तो ये उन बंदूकधारियों के लिए ट्रिब्यूट जैसा होगा. मैं उनका हौंसला नहीं बढ़ाऊंगी. मेरे पिता सच्चे योद्धा थे, वे बहुत मेहनती थे, मैं उन्हें सलाम करती हूं.

इतनी बेबाकी से अपने विचार रखने को लेकर जब उनसे किसी तरह के डर पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं किससे डरूं और क्यों डरूं. जब मैं खुद अपने पिता से ये पूछती थी कि पापा आपको डर नहीं लगता तो वो कहते थे कि मुझे मेरे पिता ने सिखाया था कि डरूंगा तो एक दिन जीना मुश्किल हो जाएगा. मरूंगा तो एक बार ही मरूंगा.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि क्या भयानक खबर है! वह एक बहुत ही दयालु व्यक्ति थे. मुझे बताया गया है कि उन्होंने आतंकवाद के चरम के वक्त भी कश्मीर कभी नहीं छोड़ा और अपनी दुकान चलाते रहे. मैं इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.' बता दें कि बिंदरू 40 सालों से कश्मीर में लोगों तक दवाइयां पहुंचाने का काम कर रहे थे.  . कश्मीरी पंडित बिंदरू 1990 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी वो कश्मीर में ही रहे और अपनी फार्मेसी चलाते रहे. पुलिस ने कहा कि उसकी फार्मेसी के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है और तलाशी अभियान जारी है.

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बता दें कि कश्मीर  एक घंटे के भीतर तीन अलग-अलग आतंकी हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में एक प्रमुख केमिस्ट एक स्ट्रीट फूड विक्रेता और एक कैब ड्राइवर शामिल हैं. इस हमले में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता की हत्या कर दी गई है, जिसकी पहचान वीरेंद्र पासवान के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक वह बिहार के भागलपुर का था. तीसरे मृत शख्स की पहचान टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष मोहम्मद शफी के रूप में हुई है.