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This Article is From Nov 07, 2019

करतारपुर वीडियो पर सूत्रों ने कहा- 'पाक सरकार से ज्यादा इस प्रोजेक्ट के पीछे बड़ी शक्तियों का हाथ'

पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी की गई चार मिनट की वीडियो क्लिप में सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के एक गुरुद्वारे का दौरा करते हुए दिखाया गया है.

करतारपुर वीडियो पर सूत्रों ने कहा- 'पाक सरकार से ज्यादा इस प्रोजेक्ट के पीछे बड़ी शक्तियों का हाथ'
नई दिल्ली:

करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur corridor) पर एक वीडियो ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं. पाकिस्तान की ओर से जारी किए गए म्यूजिक वीडियो में एक पोस्टर दिख रहा है जिस पर "खालिस्तान 2020"  लिखे होने के साथ तीन खालिस्तानी अलगाववादियों की तस्वीर दिखाई दे रही है. उधर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के पीछे पाकिस्तान का एक गुप्त एजेंडा है और भारत को "सावधान रहना होगा".  वहीं सरकारी सूत्रों ने इसके पीछे पाकिस्तानी सेना के हाथ होने का संकेत दिया है. सूत्रों ने कहा "पाकिस्तान की नागरिक सरकार की तुलना में बड़ी शक्तियां इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही हैं." भारत दोहरे रवैये से अवगत है लेकिन वो तीर्थयात्रियों की आस्था को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहा है. 

पाकिस्तानी सेना के हाथ का संकेत देते हुए, सरकारी सूत्रों ने कहा, "पाकिस्तान की नागरिक सरकार की तुलना में बड़ी शक्तियां इस परियोजना को आगे बढ़ा रही हैं." भारत द्वंद्व से अवगत है लेकिन तीर्थयात्रियों की आस्था को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को आगे बढ़ा रहा है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारत की तरफ से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे.  पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी की गई चार मिनट की वीडियो क्लिप में सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के एक गुरुद्वारे का दौरा करते हुए दिखाया गया है. इसकी पृष्ठभूमि में खालिस्तान अलगाववादी भिंडरावाले, शबेग सिंह और अमरीक सिंह खालसा का पोस्टर भी दिखाई दे रहा है. मालूम हो तीनों अलगाववादी जून 1984 में अमृतसर में भारतीय सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए थे.

सूत्रों का कहना है "सार्वजनिक रूप से वे (पाकिस्तान) शांति बात करते हैं.  लोग और अल्पसंख्यकों से मेलजोल की बात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान जो चाहता है, वो ये है कि खालिस्तान के मुद्दे पर अधिक से अधिक  लाभ उठाना और उस पर 20-20 जनमत संग्रह कराना. "  

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उस टिप्पणी का हवाला देते हुए जिसमें उन्होंने कहा कि सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी, सूत्रों ने कहा कि सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों के बीच एक खटास पैदा करने की योजना है, जो खालिस्तान पर उसकी योजना को आगे बढ़ाएगी. 

सूत्रों ने कहा कि भारत "अच्छे विश्वास" में गलियारे को अपनाने के पाकिस्तान के कदम के बारे में सोच रहा था. सूत्रों ने कहा,  "लेकिन हम सभी तीर्थयात्रियों के बड़े लक्ष्य को देख रहे हैं - जो वहां जाना चाहते हैं"

सरकारी सूत्रों ने कहा, "सीमा पार गुरुद्वारों में छिटपुट अलगाववादी गतिविधियों की खबरें आईं हैं." मामले को पाकिस्तान के साथ उठाया गया है. भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते में एक क्लॉज है कि किसी भी संकट की स्थिति के मामले में, गलियारे को निलंबित किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा, "ऐसे स्थानों पर कड़ी नजर रखी जाएगी."

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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आज वीडियो के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के गेम प्लान के बारे में चेतावनी दी है.  77 वर्षीय कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, "पहले दिन से, मैं पाकिस्तान के छिपे हुए एजेंडे के बारे में चेतावनी दे रहा हूं." उन्होंने कहा,  "एक तरफ, वे (पाकिस्तान) प्यार दिखाते हैं ... लेकिन दूसरी तरफ, वे परेशानी पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं. हमें बहुत सावधान रहना होगा." 

इससे पहले भी अमरिंदर सिंह ने चेतावनी दी थी कि इस्लामाबाद राज्य में "सिख आतंकवाद को पुनर्जीवित" करने के लिए करतारपुर गलियारे का दुरुपयोग कर सकता है. 

बता दें  पिछले साल पाकिस्तान ने कहा था कि वह भारत के तीर्थयात्रियों के लिए गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर खोल देगा. नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह पवित्र स्थल भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए बंद कर दिया गया था. साथ ही पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक को गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ने वाले प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण का भी निर्णय लिया गया था. 

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सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने 18 साल से अधिक समय रावी नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा करतारपुर में बिताया था. पिछले नवंबर में, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी थी.

सूत्रों ने कहा, "हमने पाकिस्तान के साथ 550 तीर्थयात्रियों की सूची साझा की, जो उस पार जाएंगे." इस सूची में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के पूर्व मंत्री सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और अन्य सांसदों और विधायकों जैसे वीआईपी शामिल हैं.

अमरिंदर सिंह ने कहा, करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से पहले हाई अलर्ट पर है. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान की कॉरिडोर के माध्यम से किसी भी तरह की शरारत करने की हिम्मत होगी, लेकिन पंजाब के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते अलर्ट पर रहे."

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