कर्नाटक के मंत्री की 18वीं सदी के मैसुरु के शासक टीपू सुल्तान की तरह विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया को 'खत्म करने' संबंधी अपील ने राज्य की सियासत में नए विवाद को जन्म दिया है. दक्षिण भारत के इस राज्य में इसी वर्ष के आखिर में चुनाव होने हैं. मांड्या में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, "आप टीपू (सुल्तान) चाहते हैं या (हिंदू विचारक वीडी) सावरकर? हम इस टीपू सुल्तान को कहां भेजें? निंजे गौड़ा ने किया किया? आपको उन्हें (सिद्धारमैया को) उसी तरह खत्म करना चाहिए. "
मुस्लिम शासक को लेकर कर्नाटक में वोटों के लिए कशमकश के बीच दक्षिणपंथी समूहों ने दावा किया है कि टीपू सुल्तान, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए नहीं मरे थे बल्कि उन्हें दो वोक्कालिगा सरदारों उसी गौड़ा और निंजे गौड़ा ने मारा था हालांकि इस मत से कुछ इतिहासकार इत्तेफाक नहीं रखते. इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक में कांग्रेस इकाई ने अश्वथ नारायण के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने राज्य के भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कतील के खिलाफ भी ऐसी ही शिकायत दर्ज की है, जिन्होंने कहा था कि टीपू सुल्तान को मानने वालों को कर्नाटक से "बाहर निकाल" दिया जाना चाहिए.
सिद्धारमैया ने नारायण पर लोगों को उन्हें मारने के लिए "उकसाने" की कोशिश का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई से मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने का आग्रह किया है.कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने गुरुवार को कहा, "उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों से अपील की है कि जिस तरह टीपू को मारा गया था, उसी तरह मुझे भी मार डालो. अश्वथ नारायण, लोगों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हो? खुद बंदूक ले आओ." पूर्व सीएम (सिद्धारमैया ) ने ट्वीट करते हुए कहा, चूंकि मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह दर्शाता है कि बोम्मई, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और उनका "अक्षम कैबिनेट सो रहा है और अश्वथ नारायण के साथ समझौता कर रहा है." उन्होंने लिखा, "क्या गुजरात बीजेपी की संस्कृति कर्नाटक बीजेपी में भी आ गई है? उन्होंने सवालिया किया कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी अभी भी उसी तरह चुप रहेंगे, जैसे 2002 (गुजरात दंगे) में थे." उन्होंने लिखा, "कन्नडिगा कभी भी कर्नाटक को गुजरात जैसा नहीं बनने देंगे."
उधर मंत्री अश्वथ नारायण ने कहा कि उनके बयान की गलत व्याख्या की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि "खत्म" करने से उनका मतलब पूर्व मुख्यमंत्री को चुनावी रूप से हराना है, कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं. उन्होंने कहा, "मैंने सिद्धारमैया की तुलना टीपू सुल्तान से की थी. मैंने सिद्धारमैया के टीपू सुल्तान के प्रति प्रेम के बारे में भी बात की थी. मैंने सिद्धारमैया के खिलाफ अपमानजनक रूप से कुछ भी नहीं बोला था ... मैंने नरसंहार के लिए जिम्मेदार हत्यारे के महिमामंडन और राज्य में जबरन धर्मांतरण की आलोचना की थी." उन्होंने कहा, "मेरा कहने का मतलब था कि हमें कांग्रेस पार्टी को हराना है. मेरे निजी तौर पर सिद्धारमैया के साथ कोई मतभेद नहीं हैं, मेरे उनके साथ राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हैं. मेरे मन में उनके लिए अनादर नहीं है. यदि मेरे बयानों से उनकी भावना को ठेस पहुंची है तो मुझे इस पर खेद है."मंत्री के इस स्पष्टीकरण को खारिज करते हुए, सिद्धारमैया ने हुबली में संवाददाताओं से कहा, "नारायण के पास मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, मैं राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का आग्रह करता हूं."
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