कर्नाटक (Karnataka) में गठबंधन के बाद पहली बार जेडीएस (JDS) ने बीजेपी के साथ मिलकर कावेरी जल विवाद पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया. हालांकि इस गठबंधन पर सवाल जेडीएस के अंदर और बाहर दोनों तरफ उठ रहे हैं. जनता दल सेक्युलर के प्रमुख एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने साफ किया है कि उनकी पार्टी अपनी धर्मनिरपेक्ष पहचान के साथ समझौता नहीं करेगी. पार्टी के अंदर विद्रोह की आवाज उठ रही है जिससे निपटने की कवायद उन्होंने शुरू कर दी है. हालांकि लोकसभा चुनावों में बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर रहस्य अब भी बरकरार है.
बीजेपी और जेडीएस के गठबंधन के बाद साझा विरोध प्रदर्शन में दोनों पार्टियों के नेता एक प्लेटफार्म पर पहली बार दिखे. लेकिन इस गठबंधन के बाद देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) पर सवाल इसके धर्मनिरपेक्ष रुख को लेकर उठा. देवेगौड़ा ने उन क्षेत्रीय पार्टियों की मिसाल दी जो बीजेपी के साथ सत्ता में साझेदार रहीं, जैसे फारुक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेस, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, नीतीश कुमार की जेडीयू, अन्नाद्रमुक (AIADMK)...देवेगौड़ा ने कहा कि जब इन पार्टियों ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था तो उनकी सेक्युलर छवि पर सवाल क्यों नहीं उठाए गए?
गठबंधन को लेकर सवाल बेतुके : कुमारस्वामीकुमारस्वामी ने भी दोहराया कि ऐसे सवाल बेतुके हैं. एचडी कुमारस्वामी ने कहा, विचारधारा के साथ किसी भी तरह के समझौते का कोई सवाल नहीं होता. यह एक राजनीतिक गठबंधन है. इससे हमें नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा.
गठबंधन के बाद जेडीएस के अंदर विद्रोह उभर रहा है. कर्नाटक के देवदुर्गा से जेडीएस विधायक करिअम्मा जी नायक ने गठबंधन मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब उन्हें मना लिया गया है. कवायद राज्य पार्टी अध्यक्ष सीएम इब्राहिम को मनाने की भी चल रही है. वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आए. बड़ा सवाल जेडीएस की केरल यूनिट को लेकर भी उठा है. वहां जेडीएस के दो विधायकों में से एक वहां के मंत्री हैं और दूसरे पार्टी अध्यक्ष हैं. दोनों ने इस गठबंधन को स्वीकारने से इनकार कर दिया है. अब उन्हें मनाने की कोशिश चल रही है.
केरल के जेडीएस विधायकों को बुलाया गयाजेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि, जहां तक केरल का सवाल है, हमने उनसे संपर्क किया है. थॉमस और दूसरे यहां आ रहे हैं ताकि हम अपनी स्थिति साफ कर सकें. उन लोगों को यहां हमने बुलाया है.
बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद लोकसभा की कितनी सीटें जेडीएस के खाते में आएंगी, यह सबसे बड़ा सवाल है. जेडीएस सुप्रीमो देवेगौड़ा और उनके बेटे कुमारस्वामी ने कहा कि फिलहाल यह तय नहीं हुआ है. इसके लिए दोनों पार्टियों की पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग होने जा रही है या नहीं, तस्वीर अक्टूबर के आखिर तक ही साफ हो पाएगी.
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