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This Article is From Jul 28, 2023

कर्नाटक : 5 गारंटी लागू करने में 'बिगड़ा' बजट, फंड नहीं मिलने पर अपनी ही सरकार से नाराज विधायक

विधायक समझने को तैयार नहीं हैं. विधायकों को अपने भविष्य की फिक्र है, क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास का काम ठप है. फंड जारी नहीं हो रहा. ऐसे में हालात को संभालने के लिए कांग्रेस को विधायक दल की बैठक बुलानी पड़ी.

कर्नाटक : 5 गारंटी लागू करने में 'बिगड़ा' बजट, फंड नहीं मिलने पर अपनी ही सरकार से नाराज विधायक
सिद्धारमैय्या और डीके शिवकुमार को अपनी ही पार्टी के विधायकों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
बेंगलुरु:

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) को अपने ही विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि विधायकों को अपने क्षेत्र के लिए फंड नहीं मिल पा रहा. सरकार की प्राथमिकता 5 गारंटियों को लागू करने की है. इस बात को समझाने के लिए कांग्रेस को विधायक दल की विशेष बैठक बुलानी पड़ी. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने बुधवार को कहा कि 5 चुनावी गारंटी (Congress Election 5 Guarantee) के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न आर्थिक बाधाओं की वजह से इस साल विकास के लिए विधायक फंड मुहैया नहीं करा सकती है. शिवकुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि सरकार से बड़ी उम्मीदें रखने वाले पार्टी के विधायक स्थिति को समझें और धैर्य रखें.

हालांकि, विधायक समझने को तैयार नहीं हैं. विधायकों को अपने भविष्य की फिक्र है, क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास का काम ठप है. फंड जारी नहीं हो रहा. ऐसे में हालात को संभालने के लिए कांग्रेस को विधायक दल की बैठक बुलानी पड़ी. बैठक में खूब शोर-शराबा हुआ. मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अपनी ही पार्टी के विधायकों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

मंत्री सहयोग नहीं कर रहे-कांग्रेस विधायक नारायणस्वामी
बंगारपेठ से कांग्रेस विधायक नारायणस्वामी ने कहा, "विकास के लिए फंड तो चहिए. मंत्री सहयोग नहीं कर रहे. मीटिंग में इसी बारे में बात होनी है. विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता को जवाब नहीं दे पा रहे हैं"

सरकार को लोकसभा चुनाव की चिंता
दूसरी ओर, सरकार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की चिंता है. कांग्रेस की 5 गारंटी के लिए इस साल तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपये चाहिए. अगर कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर सकी, तो लोकसभा चुनावों में जनता की नाराजगी झेलनी होगी. 

विधायकों से करेंगे बात-शिवकुमार
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री और मैं खुद सभी जिलों में विधायकों से बातचीत करेंगे. हमने उन्हें बता दिया है कि इस साल फंड को लेकर समस्या है, क्योंकि 5 गारंटी को लागू करना है और वह लोग समझ गए हैं."

बड़ी योजनाओं से फंड पर पड़ता है असर
पंचायती राज मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, "जाहिर सी बात है, जब बड़ी योजनाएं लागू होती हैं, तो फंड पर असर पड़ता है. क्योंकि जो फंड है, उससे ही सारा काम करना होता है. हम ज्यादातर फंड 5 गारंटी में खर्च कर रहे हैं. उसके बाद का फंड विकास कार्यों में खर्च होगा."

हर ऐलान को लागू करेंगे-लक्ष्मी हेब्बालकर
महिला व बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा, "सिंचाई हो या पंचायती राज... उन्हें एक के बाद एक लागू किया जाना है. दूसरे विभागों में तो बजट में कोई कमी नहीं की गई है. विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है. नई सरकार है. विधायक जिस तरह का विकास चाहते हैं, वैसा ही होगा."

कांग्रेस विधायकों की वायरल चिट्ठी में था फंड का जिक्र
कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल के लेटरहेड पर छपी बातें कांग्रेस विधायकों और ज़िला प्रभारी मंत्रियों के बीच फंड को लेकर चल रहे विवाद का ही नतीजा था. अब बीजेपी भी विकास फंड की कमी पर सवाल उठा रही है.

फंड न मिला तो 10 साल पीछे चला जाएगा विकास-बोम्मई
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, "फंड की कमी है. 2 साल अगर फंड नहीं मिला, तो राज्य का विकास 10 साल पीछे चला जाएगा. यह हमें समझना चाहिए."

एक तरफ सिद्धारमैय्या सरकार के 5 वादे (5 गारंटी). दूसरी तरफ विधायकों की विकास कार्य की लंबी लिस्ट. लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने फिलहाल 5 वादों को तरजीह दी है. ऐसे में विधायकों और मंत्रियों के बीच तनातनी बरकरार है.

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