‘संप्रभुता’ संबंधी बीजेपी का आरोप झूठा, कर्नाटक के स्वाभिमान पर किया गया आघात: कांग्रेस

बीजेपी ने सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख कर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने और चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के लिए ‘‘संप्रभुता’’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की.

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी की जनसभा के संदर्भ में ‘संप्रभुता' शब्द का उपयोग किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले को लेकर जवाब दिया है. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी की हताशा को दिखाता है, जो किसी भी तरह चुनावी विमर्श को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं.

कांग्रेस पार्टी महासचिव व कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा का आरोप ‘फर्जी और झूठा' है और उसने कर्नाटक के स्वाभिमान पर आघात किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की हताशा स्पष्ट है क्योंकि वे कर्नाटक के विमर्श को अपने पक्ष में करने के लिए तिनके का सहारा लेने की कोशिश में हैं. हम प्रधानमंत्री की ओर से आगे बढ़ाए जा रहे इस फर्जीवाड़े और झूठ को खारिज करते हैं. प्रधानमंत्री इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि भाजपा कर्नाटक के स्वाभिमान पर चोट क्यों कर रही है.''

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना सरकार ने कर्नाटक के 865 गांवों में अपनी योजनाएं क्यों लागू कर दीं? उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह संघवाद का खुला उल्लंघन नहीं है? कर्नाटक युवाओं को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) परीक्षा कन्नड़ भाषा में देने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में नारायण गुरू की झांकी की अनुमति क्यों नहीं दी?''

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को कर्नाटक की ‘40 प्रतिशत कमीशन सरकार' के बारे में जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘बहाने इस चुनाव में भाजपा का सहारा नहीं बन सकते.''

भाजपा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख कर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने और चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के लिए ‘‘संप्रभुता'' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा.

पार्टी ने कहा, ‘‘कर्नाटक भारत संघ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य राज्य है और भारत संघ के सदस्य राज्य की संप्रभुता की रक्षा करने का कोई भी आह्वान अलगाव के आह्वान के समान है और यह खतरनाक और घातक परिणामों से भरा हुआ है.'' भाजपा नेता तरुण चुघ ने संवाददाताओं से बातचीत में जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए.

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