
प्रदूषण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कुछ हल्के फुल्के क्षण भी आए जब कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं अभी सुन रहा था कि हालत बहुत खराब और खतरनाक है. हमारी रक्षा की जाए. अस्सी की उम्र में हम 500 (AQI 500) बर्दाश्त नहीं कर सकते. सीजेआई ने भी नहले पर दहला जड़ते हुए कहा कि आप क्या सोचते हैं कि ऐसी हालत सिर्फ वकील सह नहीं सकते हैं और जज सहन कर सकते हैं? हम तो और नाज़ुक और खतरे की जद में हैं. हमारी सेहत भी दिन पर दिन गिरती जाती है.
सिब्बल ने फिर कहा - बढ़ते प्रदूषण की इस खतरनाक हालत में बच्चे, बूढ़े, वकील सभी बाहर निकलते हैं और प्रदूषण से दो चार होते हैं. उनका ध्यान रखा जाए. ये जीवन पर खतरे की घंटी वाले हालत हैं.
सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल को संबोधित करते हुए कहा - मिस्टर मेहता! आप ही कुछ सहयोग कीजिए. सिब्बल ने हंसते हुए कहा - इस मुद्दे पर एक बार को तो मेहता जी मेरी तरफ हो सकते हैं. सॉलिसिटर जनरल भी मुस्कुरा पड़े और कहा - एक बार नहीं बार-बार और अक्सर!
इसके बाद तुषार मेहता ने सुनवाई सोमवार तक टालने की अपील की और शनिवार को होने वाली विशेषज्ञों और पर्यावरण सहित कई सरकारी विभागों के प्रमुखों की मीटिंग का हवाला दिया. ये भी कहा कि केंद्र और दिल्ली की सरहद से जुड़े राज्यों की सरकारें भी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी. बस फिर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी.
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