दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को कहा कि हाल में घटी कंझावला की घटना और श्रद्धा वालकर हत्याकांड जमीनी तौर पर पुलिस व्यवस्था की खामी को दिखाते हैं. उन्होंने पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) से इसमें सुधार को कहा. दिल्ली पुलिस मुख्यालय में डीसीपी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उप राज्यपाल ने भ्रष्टाचार, पुलिस की सख्ती और जांच में खामियों जैसे कई मुद्दे उठाए. उन्होंने पुलिस से अपील की कि आगामी जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर हर स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रियता से कदम उठाये जाएं.
हिंसक अपराधों के मामलों में दिल्ली तीसरे स्थान पर
कंझावला की घटना में एक जनवरी को तड़के 20 वर्षीय अंजलि सिंह के स्कूटर को एक कार ने टक्कर मार दी थी और उसे 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. घटना के बाद दिल्ली पुलिस को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. सक्सेना ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का भी हवाला दिया और कहा कि इनके मुताबिक दिल्ली प्रति लाख आबादी पर हिंसक अपराधों के मामलों में तीसरे स्थान पर आती है.उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यह दूसरे स्थान पर आती है.
"बर्दाश्त नहीं किया जाएगा''
उप राज्यपाल ने कहा, ‘‘पिछले दिनों लड़की की हत्या करके उसके शरीर के कई टुकड़े करने और उन्हें दिल्ली में फेंकने की घटना अपराध के कुछ महीने बाद सामने आई. नये साल की रात एक लड़की को टक्कर मारकर कार से घसीटा गया, जबकि पुलिस गश्त और जांच चौकियों पर कई गुना मुस्तैदी की अपेक्षा की जाती है.'' उप राज्यपाल ने कहा, ‘‘कोई भी ढिलाई भयावह साबित हो सकती है, जैसा कुछ दिन पहले कंझावला की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में हुआ. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस प्रशासन के लोगों पर भ्रष्टाचार का धब्बा लगा होता है. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हर स्तर पर नेतृत्व करने वाले इस धब्बे को मिटा सकते हैं और उन्हें इससे निपटना चाहिए.''
यह भी पढ़ें-
दिल्ली मेयर चुनाव आज : 10 प्वाइंट में जानें अब तक के विवाद और जीत के समीकरण
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे अब शिवसेना प्रमुख, SC में आज उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं