मेयर के चुनाव के बाद आज ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव भी होगा.
नई दिल्ली:
चुनाव की तीन विफल कोशिशों के बाद आज दिल्ली को मेयर मिलने की संभावना है. संख्याबल के अनुसार, आम आदमी पार्टी की झोली में मेयर का पद है, मगर भाजपा ने संकेत दिया है कि आखिरी मिनट में आश्चर्य की संभावना है.
- सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी (आप) की निर्णायक जीत के बाद चुनाव हो रहे हैं. सदन में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है, और वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर में निकाय चुनावों के बाद से, आप और भाजपा के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच तीन बार मेयर चुनाव स्थगित हो चुका है.
- आप उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने भाजपा के इस तर्क पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उपराज्यपाल ने 10 एल्डरमेन (मनोनीत सदस्यों) को चुनाव में मतदान करने की अनुमति दी है.
- भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि मनोनीत सदस्य चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं. पीठ ने कहा, "मनोनीत सदस्य चुनाव में भाग नहीं ले सकते. संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट हैं."
- मेयर के चुनाव के बाद आज ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी (स्थायी समिति) के छह सदस्यों का चुनाव भी होगा.
- स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में आप को तीन और भाजपा को दो सीटें मिलने की संभावना है. लड़ाई छठी सीट को लेकर है.
- अगर मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति दी जाती, तो भाजपा की ताकत 113 से 123 हो जाती. 274 सदस्यीय सदन में आप के पास 150 वोट हैं. बहुमत का आंकड़ा 138 है.
- इसका मतलब यह है कि मनोनीत सदस्यों के वोट डालने से मेयर चुनाव के नतीजे प्रभावित नहीं होते. हां, भाजपा स्टैंडिंग कमेटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल कर सकती थी, जिसे नागरिक निकाय में सबसे शक्तिशाली निकाय माना जाता है. कांग्रेस ने कहा है कि वह अनुपस्थित रहेगी. इस पर आप पार्षदों ने उस पर "भाजपा के साथ सौदा करने" का आरोप लगाया है.
- महापौर के लिए निर्वाचक मंडल में 250 निर्वाचित पार्षद, सात लोकसभा और दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आप के 13 विधायकों और भाजपा के एक सदस्य को नगर निकाय के लिए नामित किया है.
- एमसीडी के विलय और पिछले साल निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बाद हुए पहले नगरपालिका चुनाव में आप ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की. 15 वर्षों तक नगर निकाय की सत्ता पर रहने के बाद भाजपा दूसरे स्थान पर रही.
- पहले आप ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली सरकार से परामर्श किए बिना 10 एल्डरमेन मनोनीत सदस्यों का नाम देने पर आपत्ति जताई थी. 10 मनोनीत एल्डरमेन के शपथ ग्रहण और उनके मतदान के सवाल ने तीन बार मेयर चुनाव को रोक दिया था. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को समायोजित करने के लिए चौथी बार चुनाव स्थगित किया गया था.