कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) या सीपीआई की 23 वीं कांग्रेस में वामपंथी नेता जी सुधाकर रेड्डी सर्वसम्मति से लगातार तीसरी बार पार्टी महासचिव निर्वाचित हुए हैं. इस बैठक की खास बात यह रही कि इस राष्ट्रीय परिषद में जवाहर लाल नेहरू के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार को जगह दी गई है. राष्ट्रीय परिषद में अहम चेहरों में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी हैं. बता दें कि राष्ट्रीय परिषद भाकपा की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है.इस तरह से देखा जाए तो अब कन्हैया कुमार फ्रंट से राजनीति करेंगे. इससे पहले कन्हैया कुमार सीपीआई के स्टूडेंट विंग एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे.
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भाकपा के इस कांग्रेस में 126 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद , 11 सदस्यीय सचिवालय और 11 सदस्यीय नियंत्रण आयोग तथा 13 उम्मीदवार सदस्यों का भी निर्वाचन हुआ. दो बार लोकसभा के सदस्य रहे 76 वर्षीय रेड्डी 2012 में पहली बार पार्टी महासचिव चुने गये थे.
उन्होंने अपने पुनर्निर्वाचन के बाद संवाददाताओं से कहा कि पार्टी कांग्रेस ने आरएसएस - भाजपा द्वारा पेश चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए धर्मनिरपेक्ष , लोकतांत्रिक और वाम शक्तियों के बीच व्यापक एकता का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि भाकपा राष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को साथ लाना चाहती है. लेकिन जहां तक केरल का प्रश्न है तो कांग्रेस नीत एकीकृत लोकतांत्रिक मोर्चा माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बना रहेगा. वाम लोकतांत्रिक मोर्चे में भाकपा एक घटक है.
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राष्ट्रीय परिषद के लिए फिर से नामित नहीं किये गये वरिष्ठ पार्टी नेता और केरल के पूर्व मंत्री सी दिवाकरण ने इस फैसले पर अपनी नाखुशी प्रकट की. बता दें कि पार्टी की 23 वीं कांग्रेस 25 अप्रैल को शुरु हुई थी.
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