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This Article is From Apr 04, 2013

गरीबों, बेसहाराओं को न्याय दिलाने के लिए काटजू बनाएंगे एनजीओ

गरीबों, बेसहाराओं को न्याय दिलाने के लिए काटजू बनाएंगे एनजीओ
मुंबई: मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए गए अभिनेता संजय दत्त और जैबुनिस्सा काजी को माफी देने की वकालत करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू गरीब तथा बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए 'द कोर्ट ऑफ लास्ट रिसोर्ट' के नाम से गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बनाएंगे।

'कोर्ट ऑफ लास्ट रिसॉर्ट' का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और राज्यों में इसकी शाखाएं होंगी। इसका औपचारिक उद्घाटन 15 अप्रैल को न्यायमूर्ति काटजू के आवास पर किया जाएगा।

इसकी जानकारी देते हुए न्यायमूर्ति काटजू ने अपने ब्लॉग पर लिखा, "पिछले कुछ समय से ऐसा महसूस किया गया है कि बहुत से लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। जेल में बहुत से कैदी बंद हैं, जिनके मामलों की सुनवाई कई वर्षों तक नहीं हुई। कुछ ऐसे भी अभियुक्त जेल में बंद हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने फर्जी साक्ष्य दिए हैं, जबकि कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें लंबे समय से जेल में बंद व्यक्ति को कई साल बाद निर्दोष करार दिया जाता है।"

यह गैर-सरकारी संगठन सूचना के अधिकार (आरटीआई) का इस्तेमाल कर जेलों में बंद विचाराधीन और दोषी ठहराए गए लोगों के संबंध में जानकारी जुटाएगा। एनजीओ ऐसे मामलों में कानूनी प्रावधानों के अनुसार हस्तक्षेप करेगा और जेलों में गलत तरीके से बंद लोगों को जमानत दिलाने की कोशिश करेगा।

न्यायमूर्ति काटजू ने दो दिन पहले ही मुंबई का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने आपराधिक मामलों के वकील मजीद मेनन, कार्यकर्ता व फिल्म निर्माता महेश भट्ट तथा विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। अधिवक्ता मेनन ने कहा कि एनजीओ के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति काटजू होंगे। इसके अध्यक्ष वरिष्ठ वकील फली एस. नरीमन होंगे। मेनन और भट्ट इसके उपाध्यक्ष होंगे।

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