सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस अरुण मिश्रा (Justice Arun Mishra) का बतौर जज आज आखिरी दिवस था. कोर्ट परिसर में अपने लंबे सफर के आखिरी दिन जस्टिस मिश्रा (Justice Mishra) थोड़े भावुक नजर आए, उन्होंने अपने सभी साथियों का शुक्रिया अदा किया. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मैंने अपने विवेक के साथ हर मामले को निपटाया है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मैं अपने आचरण में बहुत कठोर होता हूं. किसी को भी दुख नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक फैसले का विश्लेषण करें और इसे इस तरह या उस तरह से रंग न दें.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर मैंने किसी को चोट पहुंचाई है तो कृपया मुझे माफ करें. अवमानना के अंतिम मामले में भी, एजी ने कहा कि वह (भूषण के लिए) कोई सजा नहीं चाहते थे.जस्टिस मिश्रा के अनुसार मैं जो कुछ भी कर सकता था वह इस न्यायालय की सर्वोच्च शक्तियों से हुआ. मैंने जो कुछ भी किया है उसके पीछे आप सभी जजों की शक्ति थी. उन्होंने कहा कि मैंने बार के सदस्यों से बहुत कुछ सीखा है.
बकौल अरुण मिश्रा, कानून की इतनी सारी शाखाएं मैंने बार सदस्यों से सीखी हैं. आप तथ्यों में महारत हासिल कर सकते हैं लेकिन बहुत सारे स्थानीय कानून हैं और वकीलों द्वारा उन की व्याख्या की जाती है.न्यायमूर्ति मिश्रा ने सभी को हार्दिक धन्यवाद दिया.
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