उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी के कारण ‘‘गंभीर स्थिति और कठिनाइयों'' का हवाला देते हुए बार निकायों के विदाई निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. वह दो सितम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति मिश्रा सात जुलाई 2014 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बने थे. वह दूरसंचार कंपनियों द्वारा एजीआर के लिए भुगतान की समय सीमा और वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में दंड देने सहित कई फैसले देने वाले हैं. उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन बार ने निवर्तमान न्यायाधीश को विदाई समारोह के लिए निमंत्रण दिया है.
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न्यायमूर्ति मिश्रा ने बार निकायों को लिखा, ‘‘विदाई समारोह में मुझे निमंत्रण देने के लिए आभारी हूं... मैंने बार को हमेशा न्यायपालिका की जननी माना है और उक्त समारोह में शामिल होकर मुझे खुशी मिलती.'' उन्होंने लिखा है, ‘‘बहरहाल, कोविड-19 महामारी के कारण पूरी दुनिया में गंभीर स्थिति और कठिनाई को देखते हुए मेरी अंतरात्मा मुझे विदाई समारोह में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती.'' बहरहाल, उन्होंने बार निकायों को आश्वासन दिया कि जब भी स्थिति सामान्य होगी वह उनके पास आएंगे.
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