सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर आदेश एक साल तक लंबित रखने पर "आश्चर्य" व्यक्त किया है. दरअसल साल 2017 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजंती देवी द्वारा दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस संदीप कुमार ने सुनवाई के बाद 7, अप्रैल 2022 को आदेश के लिए सुरक्षित रख और लगभग एक साल बाद 4 अप्रैल, 2023 को उन्होंने मामले से खुद को अलग कर लिया. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा हम इस बात से बेहद हैरान हैं कि अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर आदेश एक साल तक कैसे लंबित रखा जा सकता है? फिर बाद में अपना फैसला सुनाने से पहले खुद को इससे अलग कर लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले पर 8 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. जिसमें पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को मामले से जुड़े घटनाक्रम की जानकारी विस्तृत रूप मे देने को कहा गया है.
ये मामला साल 2017 के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ था. राजंती देवी प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के सदस्य होने के आरोपी संदीप यादव की पत्नी हैं. उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की मांग करते हुए पटना हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल की थी
ये भी पढ़ें:- Amul ने डुप्लीकेट बटर पैक की फेक न्यूज को लेकर लोगों से की Requests, यहां देखें क्या है पूरा मामला...
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं