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This Article is From Feb 10, 2024

पत्रकार निखिल वागले की कार पर पुणे में हमला, विपक्ष का BJP पर निशाना

कुछ दिनों पहले वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी , जिसके कारण वागले के खिलाफ बीजेपी नेता सुनील देवधर ने पुणे पुलिस में शिकायत दर्ज की थी.

पत्रकार निखिल वागले की कार पर पुणे में हमला, विपक्ष का BJP पर निशाना
हमले में निखिल वागले की कार के शीशे टूट गए.
नई दिल्ली:

वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले की कार पर शुक्रवार को पुणे में बिजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा हमले का आरोप है. इस हमले में वो जिस कार में बैठे थे, उसके शीशे टूट गए.  पुणे के डेक्कन क्षेत्र में खंडूजीबाबा चौक पर उनकी कार पर तब हमला हुआ जब वो निर्भय बनो सभा को संबोधित करने जा रहे थे. इस दौरान उनकी कार पर स्याही भी फेंकी गई थी.

दरअसल, कुछ दिनों पहले वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी , जिसके कारण वागले के खिलाफ बीजेपी नेता सुनील देवधर ने पुणे पुलिस में शिकायत दर्ज की थी. वरिष्ठ बीजेपी नेता सुनील देवधर द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद वागले पर धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 और 505 (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

बीजेपी नेता देवधर की ओर से दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वागले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आडवाणी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर समाज की शांति भंग करने की कोशिश की है. इस बीच वागले ने कहा था कि वह अपने बयान पर कायम हैं जिसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ता नाराज थे.

राष्ट्रीय सेवा दल की ओर से 9 फरवरी को पुणे में 'निर्भय बानो' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और उसमे निखिल वागले को आमंत्रित किया गया था. इसलिए पुणे में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), (अजीत पवार गुट) राष्ट्रवादी ने शुक्रवार दोपहर से निखिल वागले के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

शाम को जैसे ही निखिल वागले की कार कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो कार्यकर्ता आक्रामक हो गए और वागले की कार पर हमला कर दिया.

विपक्ष ने बीजेपी पर साधा निशाना

निखिल वागले की कार पर हमला किए जाने के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की निंदा की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद शरदचंद्र पवार ने घटना की निंदा की और बीजेपी से पूछा कि उन्हें ''दंगा करने का लाइसेंस'' किसने दिया है. 

सुप्रिया सुले ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया और पत्थर भी मारे. इस वजह से वहां से गुजर रहीं कुछ लड़कियों के भी चोट आई. जब यह घटना हो रही थी तब पुलिस वहां खड़े हो कर देख रही थी. क्या किसी ने पुलिस को आदेश दिया था कि वो किसी तरह का एक्शन न ले? बीजेपी को इस तरह से हमला करने का लाइसेंस किसने दिया? इस देश में विचारों का मुकाबला विचारों से करने की एक लंबी परंपरा रही है. मैं इस घटना की कड़ी निंदा करती हूं''.

निखिली वागले पर हुए हमले पर देवेंद्र फडणवीस ने कही ये बात

निखिल वागले पर हुए हमले के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''कानून जो भी अपने हाथ में लेगा चाहे बीजेपी का कार्यकर्ता ही क्यों ना हो पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी. लेकिन लोगों की भावनाएं भड़काने की बात करना और देश के सर्वोच्च नेता के खिलाफ निचले स्तर की बात करना भी गलत है. लेकिन वो कितना भी गलत बोलें कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है और वो पुलिस करेगी''.

निखिल वागले ने एक्स पर किया पोस्ट

निखिल ने शुक्रवार को उन पर हुए हमले को लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा, ''प्रिय मित्रों, भाइयों और बहनों, कल मौत के दरवाजे पर खड़ा था. आपके प्यार की वजह से ही मैं जिंदा बचा हूं.'  असीम सरोदे, जो मुझे चोट लगने से बचाने के लिए टूटा हुआ शीशा गिरने पर भी पीछे नहीं हटे, वैभव, हमारे सारथी जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी कार चलाई, एड श्रिया जिन्होंने आगे की सीट से हमला झेला, विश्वंभर जिन्होंने अंत तक मेरा साथ दिया. सड़क पर हमलावरों से दो-दो हाथ करने वाली बंटी, भक्ति कुंबर और मैं अनगिनत कार्यकर्ताओं का कर्ज कैसे चुकाऊंगा?  राहुल डंबले, जिन्होंने बीजेपी के साथ दो दो हाथ किया , प्रशांतदा जगताप के कुमक.. नितिन वैद्य जिन्होंने मुझे मुंबई लाने का जोखिम उठाया.. किस किस का नाम बताऊं?  मैं सभी का ऋणी हूं.''

उन्होंने लिखा ''अब तक छह हमले झेल चुका हूं. कल का हमला सबसे भयानक था. पत्थर, लाठियाँ, हॉकी स्टिक, रॉड, अंडे, स्याही सभी का इस्तेमाल किया गया. महज आधे घंटे में चार बार हमारा पीछा कर हमें घेर लिया गया. पुलिस की मिलीभगत से हुआ था हमला... मेरा विश्वास है कि फुले-अम्बेडकर के आशीर्वाद से ही हम सब कल जीवित रहे. अब अगला जीवन तुम्हारे लिए है.  हम फासीवाद को हराने के लिए महाराष्ट्र पर आंदोलन करेंगे. ऐसे कायरतापूर्ण हमलों से डरने की हमारी संस्कृति नहीं है. मैं फिर से अपनी जान जोखिम में डालूंगा ताकि यह देश हिंदू पाकिस्तान न बन जाए.' मैं आप सबका ऋण कभी नहीं चुका सकता. आप सभी ने कल की बैठक को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की... हम आपको कैसे धन्यवाद दे सकते हैं? कल के सदमे से अभी भी उबर नहीं पाया हूं.  शाम को आपसे विस्तार से बात करेंगे. आपका, निखिल''

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