मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में बड़ी सफलता मिली है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया. सुरेश 3 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद से फरार था. एनडीटीवी से जुड़े स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में SIT ने कड़ी जांच के बाद सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद में उसके ड्राइवर के घर से गिरफ्तार किया.
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आरोपी सुरेश का पता लगाने के लए पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और 300 मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया. इस जांच के बाद आखिरकार सुरेश उनके हत्थे चढ़ा. कांकेर में सुरेश की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया और पूछताछ जारी है.
पूर्व नियोजित थी हत्या : सूत्र
बाकी के तीन आरोपियों में मुकेश के चचेरे भाई दिनेश और रितेश चंद्राकर के साथ ही सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके शामिल हैं. इन आरोपियों को पहले ही 4 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक कि हत्या पूर्व नियोजित थी और बेहद सटीकता से अंजाम दी गई.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश के सिर पर 15 फ्रैक्चर, लिवर के चार टुकड़े और पांच पसलियां टूटी हुईं थीं. सिर पर 2.5 इंच गहरा घाव था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मुकेश ने अपने बाएं हाथ से खुद को बचाने की कोशिश की थी, जिससे उनकी कलाई पर चोट के निशान पाए गए.
सीएमएचओ डॉ. बीआर पुजारी ने कहा कि तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया है. रिपोर्ट अभी प्रतीक्षित है. मैं खुद मौजूद था. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
भ्रष्टाचार की खबर दिखाने का हत्या का संबंध!
सूत्रों के मुताबिक, हत्या का संबंध NDTV की उस खबर से था जिसमें 120 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खुलासे हुआ था. इस प्रोजेक्ट का ठेका सुरेश चंद्राकर को मिला था. NDTV की रिपोर्ट के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे, जिससे सुरेश को भारी नुकसान होने का डर था.
मुकेश को उसके चचेरे भाई और करीबी दोस्त रितेश ने रात के खाने के बहाने बुलाया था. वहां उसे पहले बुरी तरह पीटा गया, फिर गला घोंटा गया और धारदार हथियार से हमला किया गया. हत्या के बाद, शव को सेप्टिक टैंक में डालकर ऊपर से कंक्रीट से ढक दिया गया, ताकि किसी को घटना की भनक न लगे.
सुरेश बसागुड़ा का रहने वाला है. पहले वो एक पुलिस अधिकारी के घर में रसोइये के रूप में काम करता था, बाद में विशेष पुलिस अधिकारी बना. इसके बाद वह ठेकेदारी में उतर गया. सुरेश पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप अब जांच के दायरे में हैं.
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