झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए सोमवार को जारी मतगणना के रुझानों बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) राज्य में पाचंवीं बार अपना मुख्यमंत्री बनाने की ओर अग्रसर है. लगभग दो दशक पहले प्रथक राज्य की मांग करने वालों में जेएमएम सबसे आगे था. चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुआई में जेएमएम ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर आधारित और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुआई वाले भाजपा के चुनाव प्रचार को चुनौती दी.
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विधानसभा चुनाव में मोदी की अगुआई में भाजपा ने जहां राष्ट्रीय मुद्दों को हथियार बनाया, वहीं सोरेन ने स्थानीय मुद्दे चुने. साल 2000 में राज्य के गठन के बाद 2019 में यह चौथे विधानसभा चुनाव हैं. राज्य में जेएमएम ने 2005, 2009, 2014 और 2019 में सरकार बनाई.
वर्ष 2019 के चुनाव में जेएमएम ने राज्य की 81 सीटों में से 43 पर चुनाव लड़ा है. उसकी सहयोग पार्टियों- कांग्रेस ने 31 और राजद ने सात सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. हेमंत जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक 16 महीनों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
जहां उनके पिता और जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन पहली बार मार्च 2005 में सिर्फ 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे, जिसके बाद दूसरी बार अगस्त 2008 में चार महीने तथा तीसरी बार दिसंबर 2009 में पांच महीनों के लिए मुख्यमंत्री बने. हेमंत इस बार दो सीटों -दुमका और बरहेट से उम्मीदवार हैं. रुझानों में हालांकि महागठबंधन को सत्तारूढ़ भाजपा कड़ी टक्कर देती दिख रही है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं