जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी.
नई दिल्ली :
मंगलवार को पेट्रोल-डीजल फिर महंगा हो गया. डीज़ल की कीमतें रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. अब आम लोगों पर तेल की कीमतों का बोझ कम करने के लिए एनडीए की घटक दल जेडीयू ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स घटाने की मांग की है. मुंबई में पेट्रोल मंगलवार को 86 रुपये 56 पैसे लीटर बिका. तेल के दाम में लगातार हो रही ये बढ़ोतरी सरकार के गले की फांस बनती जा रही है. दिल्ली में 1 जनवरी, 2018 को पेट्रोल की कीमत 69.97 रु प्रति लीटर थी, जो 4 सितंबर, 2018 को बढ़कर 79.31 रू प्रति लीटर हो गई. पेट्रोल पिछले 8 महीने में 9.34 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ. यानी 13.34%! जबकि इन आठ महीनों में डीज़ल 11 रुपये 64 पैसे महंगा हुआ है, यानी 19.49%.
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अब जेडीयू ने कहा है कि प्रधानमंत्री दखल दें और एक्साइज़ ड्यूटी घटाएं. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने NDTV से कहा, 'अगर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जाती है तो इससे आम लोगों को राहत दी जा सकती है. मैं पीएम मोदी से गुजारिश करूंगा कि वह एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करें जिससे आम लोगों को राहत मिले.'
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उधर 8 साल पहले पेट्रोल-डीज़ल पर सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश करने वाले तेल अर्थशास्त्री किरीट पारिख का कहना है कि सरकार के पास इतने पैसे हैं कि वो लोगों को राहत दे सके. किरिट पारिख ने एनडीटीवी से कहा कि अर्थव्यवस्था 8.2% की दर से आगे बढ़ रही है और जीएसटी की कलेक्शन में सुधार हुआ है. इससे सरकार का जो रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ा है उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल पेट्रोल-डीज़ल पर ड्यूटी घटाकर आम लोगों को राहत देने के लिए किया जा सकता है.
VIDEO : पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में लगी आग
किरीट पारिख ने एनडीटीवी से कहा, "अगर भारत सरकार एक्साइज़ ड्यूटी 2 से 3 रुपया घटाती है और राज्य सरकारें वैट 5% तक घटाती हैं तो पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें 5 रुपये प्रति लीटर तक सस्ती हो सकती हैं. साफ है...संकट बड़ा है...और सरकार पर हस्तक्षेप करने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है.
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अब जेडीयू ने कहा है कि प्रधानमंत्री दखल दें और एक्साइज़ ड्यूटी घटाएं. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने NDTV से कहा, 'अगर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जाती है तो इससे आम लोगों को राहत दी जा सकती है. मैं पीएम मोदी से गुजारिश करूंगा कि वह एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करें जिससे आम लोगों को राहत मिले.'
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उधर 8 साल पहले पेट्रोल-डीज़ल पर सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश करने वाले तेल अर्थशास्त्री किरीट पारिख का कहना है कि सरकार के पास इतने पैसे हैं कि वो लोगों को राहत दे सके. किरिट पारिख ने एनडीटीवी से कहा कि अर्थव्यवस्था 8.2% की दर से आगे बढ़ रही है और जीएसटी की कलेक्शन में सुधार हुआ है. इससे सरकार का जो रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ा है उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल पेट्रोल-डीज़ल पर ड्यूटी घटाकर आम लोगों को राहत देने के लिए किया जा सकता है.
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किरीट पारिख ने एनडीटीवी से कहा, "अगर भारत सरकार एक्साइज़ ड्यूटी 2 से 3 रुपया घटाती है और राज्य सरकारें वैट 5% तक घटाती हैं तो पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें 5 रुपये प्रति लीटर तक सस्ती हो सकती हैं. साफ है...संकट बड़ा है...और सरकार पर हस्तक्षेप करने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है.
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