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This Article is From Apr 10, 2016

जाट आंदोलन में हुए नुकसान के लिए हरियाणा ने 1000 करोड़ रुपये मांगे

जाट आंदोलन में हुए नुकसान के लिए हरियाणा ने 1000 करोड़ रुपये मांगे
चंडीगढ़: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान फरवरी महीने में आम जनता और सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से एक हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। सरकार ने हिंसक आंदोलन को मानव जनित आपदा की संज्ञा दी है।

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जाट आंदोलन के पीड़ितों को समुचित मुआवजा देने और राज्य में पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गत फरवरी महीने में यह सूचना दी गई कि जाट आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियों की क्षति हुई। आंदोलन से राज्य का बड़ा भाग प्रभावित था, जिसमें आठ जिले तो सर्वाधिक प्रभावित थे।'

प्रवक्ता ने कहा, 'आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त 2077 अचल निजी संपत्तियों के लिए 555 करोड़ रुपये के दावे सरकार को मिले हैं, जबकि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों और 300 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। वास्तविक क्षति का आकलन सर्वेक्षण विशेषज्ञों के साथ मिलकर जिला प्रशासन तेजी से कर रहा है।'

उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।

प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।

मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।

आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'

खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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