Jammu Kashmir Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. दोनों दल मिलकर पूर्ण बहुमत हासिल कर चुके हैं, लेकिन वास्तव में जीत का सेहरा तो नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के सर पर ही सजा है. जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है. कांग्रेस ने 39 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 6 सीटें जीत सकी. इसे देखते हुए लगता है कि यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस से गठबंधन न किया होता तो भी शायद वह अपने बलबूते सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें हासिल कर लेती. जम्मू कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीती हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 56 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें से उसके 42 उम्मीदवार जीत गए. यानी उसकी स्ट्राइक रेट 75 प्रतिशत रहा. कांग्रेस ने 39 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे सिर्फ 6 सीटों पर सफलता मिली, उसके 33 प्रत्याशियों को पराजय का सामना करना पड़ा. कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 15 प्रतिशत रहा.
कांग्रेस के कश्मीर से बुरे हाल जम्मू में
यदि कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदर्शन की तुलना करें तो जम्मू में वह हाशिये पर चली गई है. कश्मीर में कांग्रेस ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और वह इनमें से 5 सीटें जीतने में सफल हुई. यानी उसके 50 प्रतिशत प्रत्याशी जीते. केंद्र शासित प्रदेश के बाकी हिस्से, यानी जम्मू में कांग्रेस ने 29 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जीता सिर्फ एक. यानी उसका स्ट्राइक रेट महज 3 प्रतिशत रहा.
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दोस्ताना मुकाबले में दोनों को नुकसान
इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने राज्य की सात सीटों पर दोस्ताना चुनावी मुकाबला किया. यह विधानसभा सीटें हैं बारामूला, सोपोर, बनिहाल, भद्रवाह, देवसर, डोडा और नगरोटा. कांग्रेस यह सभी मुकाबले हार गई. इन सीत सीटों में से चार सीटों बारामूला, सोपोर, बनिहाल, और देवसर में नेशनल कॉन्फ्रेंस जीती. तीन सीटों पर इस गठबंधन को पराजय देखनी पड़ी. भद्रवाह और नगरोटा में बीजेपी (BJP) जीती और डोडा में आम आदमी पार्टी (AAP) जीती. डोडा सीट के साथ आम आदमी पार्टी ने जम्मू कश्मीर में अपना खाता खोल लिया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जोरदार बढ़त बनाई
जम्मू कश्मीर में 10 साल पहले 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस बार वह इससे आधी सिर्फ 6 सीटें जीत सकी. तब नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिली थीं. इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस ने काफी बढ़त लेते हुए 42 सीटें जीतीं. पिछले चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें जीती थीं और बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं. इन दोनों दलों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी. मौजूदा चुनाव में बीजेपी बढ़त बनाकर 29 सीटों पर पहुंच गई लेकिन पीडीपी का सूपड़ा साफ हो गया और वह सिर्फ 3 सीटें ही जीत सकी.
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जम्मू में राजनीतिक जमीन खो चुकी कांग्रेस
जम्मू कश्मीर में अब कांग्रेस के लिए वास्तविकता यही है कि वह इस राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी है. पूर्व में कांग्रेस जम्मू (Jammu) क्षेत्र में हमेशा अच्छी संख्या में सीटें जीतती रही. कश्मीर में हमेशा से नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य क्षेत्रीय दलों के बीच दंगल चलता रहा. पिछले करीब दो दशकों के दौरान जम्मू क्षेत्र में बीजेपी ने धीरे-धीरे अपनी जड़ें गहरी कीं और यह क्षेत्र क्रमश: कांग्रेस के हाथ से फिसलता गया. कांग्रेस इस बार यदि कश्मीर में 5 सीटें जीत सकी तो उसके पीछे भी निश्चित रूप से उसके गठबंधन सहयोगी का समर्थन हो सकता है.
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने, विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने पर कश्मीर में भले ही बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जम्मू में इन फैसलों ने लोगों को उसके पक्ष में ला खड़ा किया. इसका फायदा बीजेपी को मिला.
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