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This Article is From Aug 31, 2023

जम्मू-कश्मीर में दशकों से फरार आठ आतंकवादी गिरफ्तार, ऐसे चलाया गया था अभियान

अधिकारी ने बताया इनमें से कुछ आतंकी भगोड़े सरकारी सेवाओं में शामिल होने और अनुबंध हासिल करने में कामयाब रहे, जबकि अन्य निजी व्यवसायों और यहां तक ​​कि अदालतों में नौकरी हासिल करने में कामयाब हो गए.

जम्मू-कश्मीर में दशकों से फरार आठ आतंकवादी गिरफ्तार, ऐसे चलाया गया था अभियान

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की जांच एजेंसी और आपराधिक जांच विभाग के एक विशेष अभियान के दौरान लंबे समय से फरार आठ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. जम्मू-कश्मीर की जांच एजेंसी और आपराधिक जांच विभाग ने समाज में घुल-मिलकर रहने वाले अपराधियों और आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी है, जिसके मद्देनजर यह अभियान चलाया गया था.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की खुफिया जानकारी की सहायता से राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के जासूसों ने महीनों तक चुपचाप काम करते हुए लगभग तीन दशकों के बाद आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के मामलों में वांछित आठ आतंकवादियों को पकड़ लिया है. एसआईए ने अपने बड़े उद्देश्य और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सफाया करने का लक्ष्य हासिल करने के तहत आतंकवाद से संबंधित मामलों में सभी भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में 417 और जम्मू में 317 सहित कुल 734 भगोड़ों में से 327 लोग आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) और आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) के मामलों में वांछित थे. एसआईए ने अब तक 369 भगोड़ों का सत्यापन और पहचान की है - जिनमें से 215 जम्मू में और 154 कश्मीर में हैं. उन्होंने कहा कि 369 सत्यापित भगोड़ों में से 80 की मौत हो चुकी है, 45 पाकिस्तान या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अन्य देशों में रह रहे हैं, 127 का पता नहीं चल पाया है, जबकि चार जेलों में हैं.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आठ भगोड़े आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियों में शामिल थे और उन पर तीन दशक पहले डोडा जिले के विभिन्न पुलिस थानों में टाडा के तहत मामला दर्ज किया गया था तथा जम्मू की टाडा अदालत में आरोप-पत्र दायर किया गया था. उन्होंने कहा कि वे अपने मूल स्थान या कुछ दूर के स्थानों पर सामान्य पारिवारिक जीवन का आनंद लेने से पहले भूमिगत होकर दशकों तक कानून के चंगुल से बचते रहे.

अधिकारी ने कहा कि इनमें से कुछ भगोड़े सरकारी सेवाओं में शामिल होने और अनुबंध हासिल करने में कामयाब रहे, जबकि अन्य निजी व्यवसायों और यहां तक ​​कि अदालतों में नौकरी हासिल करने में कामयाब हो गए. गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक जम्मू का आदिल फारूक फरीदी है, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड में तैनात एक सरकारी कर्मचारी है. इशफाक अहमद डोडा अदालत परिसर में काम कर रहा था. गिरफ्तार अन्य अपराधियों की पहचान मोहम्मद इकबाल, मुजाहिद हुसैन, तारिक हुसैन, इश्तियाक अहमद देव, अजाज अहमद और जमील अहमद के रूप में की गयी है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ जारी वारंट के अनुपालन में उन्हें जम्मू में टाडा/पोटा अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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