विज्ञापन
This Article is From Jan 01, 2022

"गैरकानूनी टिप्पणियों से आहत": जम्मू-कश्मीर के इस पुलिस अधिकारी ने नेताओं और मीडिया को चेताया

इस मामले पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस विजय कुमार ने कहा है कि जांच के सही या गलत होने को लेकर कोर्ट फैसला करेगा. मैं इन नेताओं से अनुरोध करता हूं कि लोगों को उकसाएं नहीं.

हैदरपोरा मुठभेड़ (Hyderpora encounter) में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में

श्रीनगर:

हैदरपोरा मुठभेड़ (Hyderpora encounter) में पुलिस की कार्रवाई पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाए हैं. इस मामले पर दो पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला ने पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा है कि जांच मनगढ़ंत है और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. साथ ही हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों ने भी पुलिस की रिपोर्ट को गलत बताया है. वहीं इस मामले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा है कि राजनेताओं और मीडिया को पुलिस जांच रिपोर्ट की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है. 

इस मामले पर पुलिस महानिदेशक ( Director General of Police) दिलबाग सिंह ने कहा है कि हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच पारदर्शी थी और वह नेताओं की आलोचना से "आहत महसूस" करते हैं. उन्होंने कहा कि हम बयानों से आहत महसूस करते हैं. अगर उनके पास सबूत हैं, तो उन्हें इसे जांच पैनल के सामने पेश करना चाहिए. उनकी टिप्पणी गैरकानूनी है और कानून अपना काम करेगा. 

हैदरपोरा मुठभेड़ : मां ने खुदकुशी की धमकी दी, पिता बोले-मेरा बेटा आतंकवादी नहीं, पुलिस जांच को किया खारिज

पुलिस ने नेताओं को 15 नवंबर को हुए विवादास्पद मुठभेड़ में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच रिपोर्ट के खिलाफ उनके बयानों के लिए दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है.  पुलिस के अनुसार, केवल अदालत ही तय कर सकती है कि एसआईटी द्वारा की गई जांच सही थी या गलत.  न कि राजनेता या मीडिया या विवादास्पद मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिवार. 

J&K में 2 अलग-अलग एनकाउंटर में 6 आतंकी ढेर, मार गए दहशतगर्दों में 2 पाकिस्तानी

वहीं इस मामले पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस विजय कुमार ने कहा है कि जांच के सही या गलत होने को लेकर कोर्ट फैसला करेगा. मैं इन नेताओं से अनुरोध करता हूं कि लोगों को उकसाएं नहीं.अदालत को फैसला करने दें. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पुलिस की रिपोर्ट गलत है. पुलिस ने उन्हें मार डाला है. इसमें कोई शक नहीं है. मैं चाहता हूं कि न्यायिक जांच होनी चाहिए. हालांकि, तीनों के परिवारों का आरोप है कि सुरक्षाबलों द्वारा एक चरणबद्ध मुठभेड़ में उनको मार दिया गया. अपने बेटे की बेगुनाही की पुष्टि करने के लिए मोहम्मद लतीफ माग्रे ने अब जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने बेटे के शव को वापस करने की मांग की है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com