कश्मीर की बाढ़ के हालात और भी बदतर हो सकते हैं, अगर मौसम विभाग की आशंका सही निकलती है तो। अनुमान के मुताबिक अगले 72 घंटों में कश्मीर के कुछ इलाकों में फिर से बारिश की आशंका है।
एनडीटीवी से बातचीत में मौसम विभाग के डीजी एल.एस. राठौर ने कहा, "रात से (जम्मू-कश्मीर में) बारिश शुरू हो जाएगी। राज्य में 1 अप्रैल को मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश, 2 अप्रैल को मध्यम बारिश और 3 अप्रैल को फिर मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश की भविष्यवाणी है।
जाहिर है अगले तीन दिन प्रशासन और लोगों को एहतियात बरतने होंगे। हालांकि पिछले 30 घंटों से थमी बारिश का असर भी दिखने लगा है और झेलम का बहाव खतरे के निशान से पांच फीट नीचे आ गया है।
बीते दो दिनों की बारिश ने कई सवाल उठाए हैं, खासकर श्रीनगर और उससे सटे इलाकों में जमा हुआ पानी कुदरत के क़हर से ज्यादा इंसानी लापरवाही का नतीजा कहा जा सकता है।
मौसम विभाग का दावा है कि पिछले साल सितंबर में जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के भारी प्रकोप के बाद राज्य के कुछ इलाकों में जल निकास की प्राकृतिक व्यवस्था से छेड़छाड़ हुई है ...और यही वजह है कि इस बार मध्यम बारिश के बावजूद राज्य के कुछ इलाकों में जल-भराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के डीजी के मुताबिक, पिछले साल सितंबर के सैलाब के बाद शायद लोगों ने कुछ इलाकों में फीलिंग्स की हैं। प्राकृतिक जल निकासी से छेड़-छाड़ की है। ये चिंता का विषय है।
उधर जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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