जम्मू-कश्मीर में दो मुठभेड़ों में हिजबुल मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक समेत तीन दहशतगर्दों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है. पुलिस ने कहा कि मोबाइल फोन से मिले डिजिटल सबूतों के आधार पर सामने आया है कि इनमें से एक आतंकवादी को आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया जा रहा था.
कुलगाम में सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया. पुलिस ने एक बयान में कहा कि आतंकवादियों को घेर लिया गया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया.
आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं, जवाब में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की और एक आतंकवादी मारा गया. एक आतंकी रात के अंधेरे में छिपने में कामयाब रहा जिसे सुबह सरेंडर करने को कहा गया. उसने भी सुरक्षा बलों पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद उसे भी ढेर कर दिया गया.
मारे गए आतंकियों की पहचान हिजबुल आतंकी शिराज अहमद और यावर अहमद के रूप में हुई है. पुलिस रिकॉर्ड से पता चला है कि दोनों सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले सहित कई आतंकी अपराधों में शामिल गिरोहों का हिस्सा थे. शिराज मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 2016 से सक्रिय था.
दूसरी मुठभेड़ बुंद बेमिना में हुई, जहां सेना की संयुक्त टीम और सीआरपीएफ के त्वरित प्रतिक्रिया बल ने एक आतंकवादी को मार गिराया. हिजबुल के इस आतंकी की पहचान आमिर रियाज के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि आमिर पर आत्मघाती मिशन को अंजाम देने का संदेह था. पुलिस ने कहा कि उसके मोबाइल फोन से मिले डिजिटल सबूतों से पता चलता है कि उसे एक आतंकी संगठन आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर रहा था.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने दोनों ऑपरेशनों को पेशेवर तरीके से अंजाम देने के लिए संयुक्त टीमों को बधाई दी, जिसके परिणामस्वरूप एक मोस्ट वांटेड सहित तीन आतंकवादियों का सफाया हो सका.
उन्होंने बेहतरीन तालमेल और समन्वय के साथ काम करने के लिए पुलिस और विशेष बलों की टीमों को भी बधाई दी.
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