लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज समय आ गया है जब हमें नए संकल्प के साथ नई दिशा की ओर कदम बद़ाने की जरूरत है. इस मौके पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया और कहा कि उन्होंने “ जय जवान-जय किसान” का नारा दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें विज्ञान शब्द जोड़ा था. पीएम मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हम इस नारे में अनुसंधान शब्द जोड़ दें. अनुसंधान मतलब Innovations और नए आइडिया के साथ देश को आगे बढ़ाने का संकल्प . उन्होंने कहा,” अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो.”
इससे पहले देश को तरक्की की नई उंचाईयों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने देशवासियों को कहा कि वो पांच प्रण लें. उन्होंने कहा कि आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, तो अगले 25 साल हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें पांच प्रण पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार पहला प्रण यह होना चाहिए कि अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चले. विकसित भार के संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे प्रण के बारे में कहा,” किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश नहीं होना चाहिए. हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी.”
तीसरे प्रण की जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशवासियों को देश की विरासत पर गर्व होना चाहिए. प्रघानमंत्री मोदी ने देश वासियों को कहा कि देश के लिए चोथा प्रण देश में एकता और एकजुटता है. एकता की ताकत एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपनों के लिए हमारा चौथा प्रण है.
प्रदानमंत्री मोदी ने पांचवे प्रण के बारे में कहते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक का एक कर्तव्य है. इस कर्तव्य के दायरे से पीएंम या सीएम कोई भी बाहर नहीं होता है.
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